कोरोना काल में भी धड़ल्ले से संचालित फर्जी अस्पताल। सीएमओ ने किया सील
रिपोर्ट- संदीप चौधरी
रुड़की। मंगलौर में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक निजी अस्पताल पर कार्यवाही करते हुए सील कर दिया है ।स्वास्थ्य विभाग की इस बड़ी कार्यवाही से अस्पताल संचालकों में हड़कम्प मचा रहा। जानकारी के लिए बता दें कि, रूड़की व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में फर्जी तरीके से बिना रजिस्ट्रेशन के बड़े-बड़े अस्पताल चल रहे हैं। जिनमें बाहर तो बड़े-बड़े डॉक्टरों के नाम लिखे हुए हैं पर अस्पतालों में डॉक्टर मौजूद नही मिलते हैं। इसी तरह की सूचना पर हरिद्वार सीएमओ डॉक्टर सरोज नैथानी ने अपनी टीम के साथ मिलकर मंगलौर में एक निजी अस्पताल में छापेमारी की, जहाँ पर अस्पताल में कई तरह की अनिमित्तायें पाई गई।
अस्पताल में मरीज भर्ती पाए गए पर कोई भी डॉक्टर वहां मौजूद नही मिला। साथ ही साथ अस्पताल संबंधित कोई कागजात भी दिखाए नही दिए। जिसके बाद सीएमओ ने अस्पताल को सील कर दिया है और आगे की कार्यवाही करने में जुट गए है। इस पूरे मामले पर सीएमओ हरिद्वार डॉक्टर सरोज नैथानी का कहना है कि, क्षेत्र में सर्वे के दौरान उन्होंने पाया कि मंगलौर में मैक्स सिटी हॉस्पिटल जच्चा-बच्चा अस्पताल के नाम से एक अस्पताल है। पूछताछ करने पर पता चला कि, अस्पताल में कोई डॉक्टर ही नही है और बड़ी बात ये थी कि, जिस डिग्रीधारक डॉक्टर का नाम अस्पताल के बाहर लिखा हुआ था उस डॉक्टर को बुलाया गया। उसने साफ मना कर दिया कि, मेरा इस अस्पताल से कुछ लेना देना नही है।
सीएमओ ने बताया कि, अस्पताल में दो बुजुर्ग मरीज भी भर्ती थे और कोई भी डॉक्टर अस्पताल में नही था। साथ ही साथ मरीजों की देखभाल करने वाले 2 युवको में से एक 12वीं में पढ़ने वाला छात्र है। दूसरा लैब टेक्नीशियन की ट्रेनिंग कर रहा है। जो बहुत ही गैर जिम्मेदाराना है। एक छोटे से कमरे में ऑपरेशन थिएटर बना रखा है। जिसमें सारे औजार मौजूद थे। बड़ी बात है कि, पूरी तरह से लोगों को बेवकूफ बनाकर उनकी जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। जिसके बाद अस्पताल को सील कर दिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
वहीं रुड़की से लेकर देहात क्षेत्रों में कई लालाओं ने फर्जी तरीके से अस्पताल चलाए हुए हैं। जिससे वो मोटी रकम कमाने के चक्कर में मरीजो की जिंदगियों से खुलेआम खिलवाड़ कर रहे हैं। इन अस्पताल संचालकों पर समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग कार्यवाही भी करता है, पर बावजूद इसके कुछ दिन के लिए अस्पतालों के शटर बन्द नजर आते हैं और फिर कुछ दिन के बाद वो अस्पताल पहले की तरह खुलते नजर आते हैं। आखिर ऐसा क्यों होता है यह एक बड़ा सवाल है।