जलविद्युत परियोजना को खनन के ओवरलोड वाहनों से खतरा
रिपोर्ट- सतपाल धानिया
विकासनगर। विधानसभा अन्तर्गत शक्ति नहर पर बनी जलविद्युत परियोजना पर काफी समय से खतरा मंडरा रहा है। खनन से भरे ओवरलोड वाहन डाकपत्थर बैराज पर बेरोक-टोक आवाजाही कर रहे है। प्रतिबंधित क्षेत्र होने के बावजूद भी इस क्षेत्र में अवैध रूप से खनन के ओवरलोड वाहनो को दौड़ाया जा रहा है। रोजाना डाकपत्थर बैराज से 300 से अधिक वाहन गुजर रहे है। जिससे कभी भी अरबो की लागत से बना डाकपत्थर बैराज ध्वस्त हो सकता है और शक्ति नहर पर बनी जलविद्युत परियोजनाओ पर असर पड़ सकता है।
उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश की विद्युत आपूर्ति ठप हो सकती है। बावजूद इसके यूजेवीएनएल व तमाम जिम्मेदार विभाग आंखे बंद किये हुए है। बता दें कि, डाकपत्थर बैराज पर फोटो खींचना तक मना है।लेकिन इन भारी वाहनो की आवाजाही सवाल खड़े कर रही है। डाकपत्थर बैराज में खनन के ओवरलोड वाहनो की वजह से दरारे पड़ गयी है। अगर खनन के ओवरलोड वाहन डाकपत्थर बैराज से ऐसे ही बददस्तूर चलते रहे तो पुल नंबर एक की तरह डाकपत्थर बैराज भी किसी भी समय भरभरा कर ढह सकता है और भारी जान-माल का नुकसान हो सकता है। साथ ही शक्ति नहर पर बनी सभी जलविद्युत परियोजनाएं तबाह हो जायेंगी।