क्वारंटाइन सेंटर में भगवान भरोसे प्रवासी
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण प्रवासियों का अपने मूल गांव की ओर लौटना जारी है। जिसमें प्रशासन की ओर से प्रवासियों को अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन करने के निर्देश ग्राम पंचायतों को दिये गये हैं। लेकिन क्वारंटाइन सेंटरों में मूलभूत सुविधायें उपलब्ध न होने के कारण लोग भगवान भरोसे हैं। बता दें कि, जयहरीखाल और रिखणीखाल विकासखंड के कई गांवों के ग्रामीण रोजगार के लिए तलाश में अन्य राज्यों में बस गये थे। लेकिन कोरोना महामारी के चलते उनका अपने गांव लौटना जारी है। ऐसे में क्षेत्रीय ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है।
जयहरीखाल विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय व राइंका सिद्धपुर प्राथमिक विद्यालय, सिलवाड़ प्राथमिक विद्यालय, बड़गांव मठाली सहित कई स्कूलों और रिखणीखाल विकासखंड के ग्राम अमडंडा बमणगांव और रिखणीखाल स्थित स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। लेकिन इन सेंटरों में रहने वाले लोग मूलभूत सुविधाओं से जुझ रहे हैं। क्षेत्र में डाक्टरों की कमी के कारण क्वारंटाइन हुए प्रवासी बगैर जांच के 14 दिन की अवधि पूरी होने के बाद खुद ही अपने घरों को लौट रहे हैं।
जिससे स्थानीय निवासियों में अनहोनी होने का भय लगातार बना हुआ है। वहीं जो समझदार हैं, वह खुद ही होम क्वारंटाइन का पालन कर रहे हैं। इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक दलीप रावत का कहना है कि, वह लगातार इस संबंध में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क में हैं और प्रवासियों को कोई समस्या न होने पाये इस बात का ध्यान रख रहे हैं।