गजब: ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए सरकार ने खेला स्वरोजगार कार्ड

ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए सरकार ने खेला स्वरोजगार कार्ड

– पुरानी योजनाओं को नया नाम देकर परोसती है सरकार जनता के सामने

देहरादून। आम आदमी पार्टी उत्तराखण्ड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन पिरशाली ने मीडिया में बयान जारी कर राज्य की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार को घेरते हुये कहा कि, ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए एक नये विषय पर चर्चा करवा देने में माहिर केंद्र की भाजपा सरकार के नक़्शे कदम पर चलते हुए राज्य में भाजपा की त्रिवेंद्र रावत सरकार भी कोरोना और लॉकडाउन से उत्पन्न संकट और क्वारंटाइन की बदइंतजामी के सवालों से बचने के लिए स्वरोजगार का कार्ड खेल दिया। जबकि अभी का ज्वलंत मुद्दा है क्वारंटाइन केंद्रों में कोरोना, भूख और बदइंतजामी का कहर है।उन्होने कहा कि, उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं व अन्य राज्यों से कोरोना महामारी के चलते घर वापसी करने वाले हमारे प्रवासी भाई-बहनों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने स्वरोजगार योजना का ऐलान किया है। जबकि ये सारी योजनायें पहले भी थी। बल्कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना इससे भी बड़ी योजना थी जिसमें अभी के 6.5 लाख रुपये के मुकाबले 15 लाख रुपये तक कि अधिकतम सब्सिडी का प्रावधान था।

देश के साथ-साथ हमारा प्रदेश भी स्वरोजगार का राजनैतिक नाटक 1975 के 20 सूत्रीय कार्यक्रम से लेकर मनरेगा और आज तक देख रहा है। ये सारी योजनायें बदइंतजामी और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। सरकार पुरानी योजनाओं को नया नाम देकर जनता के सामने परोसती हैं और आम जनता के हाथ हमेशा खाली रहते हैं। सरकार यदि कुछ करना ही चाहती है तो कोरोना संकट के चलते राज्य की बेहाल जनता को स्वरोजगार ऋण से पहले त्वरित आर्थिक दे। प्रदेश के बेरोजगार युवाओं व प्रवासियों को दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के तर्ज पर उनके खातों में पैसा दे। सरकार लोगों को ब्याज मुक्त ऋण दे व ऋण लेने वाला अपनी सुविधानुसार ऋण की किश्त तय कर सके। हालांकि ऋण आदायगी की एक निश्चित अवधि 5 से 10 साल रखी जा सकती है।