किसानों की मेहनत पर पड़े ओले, हुई बेकार। गेहूं की साढे 5 बीघा खड़ी फसल जलाई
– ओलावृष्टि से खराब हुई फसल को किसानों ने लगाई आग
रिपोर्ट- अमर सिंह कश्यप
विकासनगर। इस बार मौसमी बारिश समय-समय पर होने से गेहूं की बहुत अच्छी फसल हुई थी, जिसके चलते खेतिहारी किसान बड़े प्रसन्न थे। लेकिन कटाई के वक्त हुई ओलावृष्टि के कारण जिन किसानों की फसल खेत में पकी खड़ी थी, वह पूरी तरह से बर्बाद हो गई। इस सिलसिले में आज हमने व्यास नहरी हरिपुर कालसी का रुख किया तो हमारी मुलाकात श्री शांति सिंह चौहान जी से हुई जिनकी 5 बीघा में खड़ी फसल ओलावृष्टि के कारण पूर्ण रूप से खराब हो गई थी। जिसे आज उनके द्वारा जलाया गया।
साढ़े 5 बीघा फसल जलाते समय किसान की आंखों के आंसू रुक नहीं रहे थे, क्योंकि पूरे 6 माह तक जिस फसल की रखवाली की गई हो और ऐन मौके पर अतिवृष्टि से वह बर्बाद हो जाए तो किसान इसके लिए क्या कर सकता है? हमने जब शांति सिंह जी से इस मामले में प्रशासन की तरफ से किसी मदद के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि, हमारी फसल पर प्रशासन ने कोई सर्वे नहीं कराया ना ही कोई शासन प्रशासन का व्यक्ति इधर देखने के लिए आया।
हमें नई फसल की तैयारी करनी है उधार बीज लाकर अब नई फसल बोने की तैयारी करनी है। लॉकडाउन के चलते हम पहले ही आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। लेकिन प्रकृति की मार ने हमारी परेशानियों को और बढ़ा दिया है। जिसके लिए हमें अपनी फसल जलानी पड़ी और हमें अब खाने की तो दिक्कत है ही उसके साथ साथ नई फसल बोने के लिए भी अलग से कर्ज लेकर इंतजाम करने पड़ेंगे। हम आपके माध्यम से प्रशासन से मदद की गुहार करते हैं।