कमीशन खोरी करके खरीदे गए घटिया मीटरों की मार झेल रहा उपभोक्ता
– प्रदेश का विद्युत उपभोक्ता समस्याओं के चलते दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर
– आईडीएफ/एडीएफ/एनआर के बिलों पर विभाग क्यों नहीं लेता स्वत: संज्ञान
– मीटर खराब होने/जलने की स्थिति में क्यों स्वत: नहीं बदले जाते
विकासनगर। प्रदेश के हजारों विद्युत उपभोक्ता विभागीय अनियमितता/कमीशन खोरी व निकम्मेपन की वजह से अपनी विद्युत समस्या यथा बिलों को ठीक कराने, मीटर चेंज कराने एवं मीटर जंप आदि मामले को लेकर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। विभाग द्वारा उपभोक्ताओं के बिलों पर कई-कई माह/वर्षों तक आईडीएफ/एडीएफ/एनआर इत्यादि प्रदर्शित होने के बाद भी इस मामले में कार्रवाई नहीं की जाती। बिलों पर प्रदर्शित उक्त संकेतों के बावजूद न तो उनका बिल स्वत: ठीक किए जाने की दशा में कार्य किया जाता है और न ही उनका मीटर बदला जाता है, जब तक उपभोक्ता विभाग के चक्कर काट-काट कर थक नहीं जाता।
कई- कई चक्कर काटने के बाद विभागीय मनमर्जी के आधार पर ही उसकी समस्या का बामुश्किल हो पाता है समाधान
जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ नेगी ने आज इस मामले पर कई बड़े सवाल खड़े किए। नेगी ने कहा कि, इन मामलों में उपभोक्ताओं के मीटर जंप होने पर हजारों के बिल थमा दिए जाते हैं, जबकि यह सारा दोष विभाग का होता है, जिसने कमीशन खोरी के चलते घटिया मीटर खरीदे थे। साथ ही विभाग की लापरवाही के कारण उपभोक्ताओं को हजारों रुपए के बिल थमा दिए जाते हैं, जिसको ठीक कराना आम उपभोक्ता के लिए बहुत मुश्किल होता है तथा गरीब आदमी अपनी दिहाड़ी मजदूरी/काम-धंधे छोड़कर इस समस्या से निजात में लगकर अपना सब कुछ भूल जाता है।
मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि, कंपनी/विभाग का दायित्व है कि, बिल पर प्रदर्शित अंकित समस्या का स्वत: संज्ञान लेकर उसको ठीक करें तथा उपभोक्ताओं को निजात दिलाए। मोर्चा शीघ्र ही उपभोक्ताओं की समस्याओं को लेकर शासन में दस्तक देगा।