कोरोना के चलते कई लोग हुए कोरोना फोबिया के शिकार
– कोटाबाग में नहीं कोई कोरोना संक्रमित
– समय रहते लोगों में फैलाई जागरूकता
– कोरोना को लेकर कई लोगों के मन में कई तरह की अफवाहें
रिपोर्ट- ललित मोहन भट्ट
कोटाबाग (नैनीताल)। पूरे देश में कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन जारी है। क्योंकि देश में कोरोना के कहर ने कुछ इस कदर अपने पैर पसार लिए है जिससे निजात पाना बेहद मुश्किल हो चला है। बीते 22 मार्च से जारी लॉकडाउन के कारण एक ओर जहां लोग अपने घरों में कैद है तो वहीं कोरोना वारियर्स की भूमिका निभाने वाले देश के डॉक्टर्स दिन-रात मुस्तेदी से काम कर रहें है, स्वयं के साथ-साथ आमजन को भी इस बीमारी से दूर रखने में अपनी एक अहम भूमिका निभा रहें है।
हम बात कर रहे है उत्तराखंड प्रदेश की जहां अभी तक कोरोना संक्रमित मरीजों के कुल आंकड़ें 60 हो गए है। जिनमें से कुल 39 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके है। लगातर बढ़ रहे आंकड़ो से स्वास्थ्य विभाग सहित डॉक्टरों की भी परेड चालू है। क्योंकि राज्य में कई डॉक्टर्स भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आगये है। परंतु इन्हीं सबके बीच नैनिताल जनपद के कोटाबाग ब्लॉक के लिए फिलहाल राहत भरी खबर है। क्योंकि इस ब्लॉक में अभी तक कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया है। ये पूरे ब्लॉक के साथ-साथ डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ के लिए भी गर्व की बात है।
बताते चलें कि, कोटाबाग सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में फिलहाल अभी तक कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया। इस बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेश चौहान ने बताया कि, चीन से फैले कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया के साथ-साथ हमारे देश में भी जारी है। चीन के बाद यह वायरस दुनिया के अलग-अलग देशों में तांडव मचा रहा है। हालांकि, उत्तराखंड राज्य में अभी यह वायरस काबू में है और सरकार से लेकर अन्य स्टेकहोल्डर्स कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लगातार जागरूकता फैला रहे हैं। इसीलिए कोटाबाग ब्लॉक इस संक्रमण से पूर्ण रूप से सुरक्षित है।
डॉक्टर्स की टीम लगातार गांव के लोगों एवं उनके जनप्रतिनिधियो के सम्पर्क में है। देखा जाए तो अभी तक कुल 110 गांव की थर्मल स्क्रीनिंग की जा चुकी है जिनमें 900 से अधिक लोगो को होम क्वारंटाइन, बाकी अन्य 4 लोगों को फैसिलिटी क्वारंटाइन किया गया है। यदि आज ब्लॉक इस संक्रमण की चपेट से दूर है तो ये इसी का परिणाम है कि, समय रहते लोगों में इस संक्रमण से बचने के लिए जागरूकता फैलाई गई। साथ ही क्षेत्र के अधिक से अधिक लोगों का स्वास्थ्य प्रशिक्षण किया गया, एवं सभी को मास्क सेनेटाइजर उपलब्ध कराए गए। ताकि इसे उपयोग कर सभी लोगों स्वयं के साथ अपने परिवार को भी स्वस्थ रख सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि, इस वायरस को लेकर कई लोगों के मन में कई तरह की अफवाहें हैं, और इससे बचने के उपायों को अमल में लाने के बजाए लोगों में भ्रम की स्थिति है। इसलिए इस घातक बीमारी से बचने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि, क्या करें और क्या न करें।