मुंबई में फंसे बागेश्वर के 22 युवक। घर वापसी की लगा रहे गुहार
– युवाओं के पास खाने के लिए भी नहीं है पैसे
रिपोर्ट- चन्दन सिंह बिष्ट
हल्द्वानी। मुंबई के होटलों में काम करने वाले कपकोट विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों के 22 युवाओं की कोरोना संक्रमण के कारण नौकरी चली गई। अब इन युवाओं के सामने खाने के भी लाले पड़े हुए हैं। यह युवा क्षेत्रीय विधायक बलवंत सिंह भौर्याल और राज्य सरकार से घर वापसी के इंतजाम करने की गुहार लगा रहे हैं। रविवार को मुंबई से सानिउडियार निवासी सूरज आर्या ने फोन पर अमर उजाला संवाददाता से संपर्क साधा। उन्होंने बताया कि, बनीगांव, कांडा के वजीला, ठांगा (कमस्यार), सनिउडियार के 22 लोग मुंबई में फंसे हुए हैं। वह लोग मुबंई के विभिन्न होटलों में काम करते थे।
कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन के कारण होटल मालिकों ने उन लोगों को घर जाने के लिए कह दिया। किसी को मालिकों ने पगार दी, किसी को बगैर पगार के भेज दिया। बताया कि, राजेंद्र राम, साधू आर्या, मनोज कुमार, अजय कुमार, अंकित कुमार, महेश कुमार, कमल कुमार, इंदर कुमार, सुभाष आर्या, अनिल टम्टा, सुनील टम्टा, पूरन टम्टा, साहिल टम्टा चारपोकगांव कांदिवली में रह रहे हैं। अन्य लोग अन्य स्थानों पर रहते हैं।
उन लोगों ने मकान मालिकों को किराया भी नहीं दिया है। अब तक खाने के लिए पैसे थे। अब खाने के लिए पैसे भी नहीं हैं। बताया कि, उन लोगों ने विधायक बलवंत सिंह भौर्याल के सामने समस्या रखी थी। उसके बाद देहरादून से किसी व्यक्ति का उनके पास फोन आया था। आर्थिक मदद के लिए कह रहे थे लेकिन वह लोग किसी भी तरह घर वापसी चाहते हैं। मुंबई में 22 ही नहीं भारी संख्या में क्षेत्र के लोग फंसे हुए हैं। गुजरात में भी यहां के लोग फंसे हैं। इन सभी को तीन मई के बाद राज्य सरकार वहां से निकालेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री से बात हो गई है। -बलवंत सिंह भौर्याल विधायक, कपकोट