लॉकडाउन के रहते हरीश रावत विचार मंच का राज्य सरकार से अनुरोध
देहरादून। हरीश रावत विचार मंच के अध्यक्ष गुल मोहम्मद ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि, कोरोना महामारी के चलते सरकार सभी माल , सभी दुकानें, सभी व्यापारिक संस्थान लगभग सभी रोजगार 14 अप्रैल तक बंद है, और इस महामारी में बंद भी होना चाहिए। बचाव के लिए राज्य सरकार द्वारा अच्छी पहल है। राज्य सरकार के इस निर्णय को हम सब प्रदेश वासियों को गम्भीरता से लेने की जरूरत है। घर से बाहर बिलकुल ना जाये राज्य सरकार के आदेशों का पालन करें।
पर एक दूसरा पहलू यह भी है जिस पर राज्य सरकार को विचार करना चाहिए। हरीश रावत विचार मंच उत्तराखंड राज्य सरकार से अनुरोध करता है कि,
● व्यापारी अन्य दुकानदार किराया कहाँ से निकालेगें उन को एक महीने के किराये की भरपाई के लिए कम से कम दो तीन महीने का समय मिले।
● आम जनता बैंक को देने वाली किश्तें कहाँ से निकालेगी अप्रैल माह की क़िस्त की भरपाई के लिए दो माह का समय मिले।
● व्यापारी कर्मचारियों की तनख़्वाह कैसे निकालेगा?
● व्यापारी का व्यापारिक लेन-देन लगभग बंद हो चुका है वह ऐसे में पिछली पेमेंट और अगला तैयार किया माल कहाँ निकालेगा?
● कुछ व्यापारियों का कच्चा माल लगभग एक महीने में ख़राब हो चुका होगा इसकी भरपाई कैसे करेगा? इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। ताकि प्रदेश वासियों को राहत मिल सके। हर प्रदेश वासी किसी ना किसी रोजगार से जुड़ा है।
● स्कूलों द्वारा एनवल चार्ज के नाम पर मोटी रकम लेने वाले स्कूलों को सख्त निर्देश दिए जाएं इस महामारी में प्रदेश की जाबांज पुलिस, नर्स, सफाई कर्मचारी, पत्रकार, प्रेस रिपोर्टर, और जितने भी इस प्रदेश की जनता की हिफाजत के लिए काम कर रहे हैं उन के बच्चों की पढ़ाई उन स्कूलों में पुरे एक साल निशुल्क हो।
● अप्रैल माह में स्कूल खुलते ही आम जनता को एनवल चार्ज के नाम पर मोटी रकम वसूलने वाले स्कूलों को सख्त निर्देश दिए जाएं ताकि एनवल चार्ज के नाम पर वसूली न हो। एनवल चार्ज खत्म किया जाये। बच्चों की, ड्रेस, किताबें ये सब खर्च अप्रैल माह में ही हैं।
● उत्तराखंड में आजीविका का मुख्य साधन टूरिस्ट में है। सीजन में यात्रा पर ट्रैवलर्स और टैक्सी व्यवसायी आजीविका चलाते हैं उन के सामने परमिट, टैक्स, और इंश्योरेंस, जमा करने का संकट खड़ा हो गया है ये ही हाल होटल व्यवसायीयों के सामने भी है। सरकार उन्हें संकट से निकालने की दिशा में गम्भीरता से सोचे।
राज्य सरकार को प्रदेश की जनता के लिए ऐसा इंतज़ाम करने चाहिए ताकि अप्रैल में होने वाले खर्च और बैंक की किश्तें और सभी लेन देन इत्यादि अप्रैल माह में न लिए जांए और कुछ महीने आगे कर दी जाएँ जिस से प्रदेश की जनता को कुछ राहत मिले। राज्य सरकार द्वारा लिए जाने वाले सभी टैक्स इत्यादि में भी छुट दे।
– अपना प्रदेश खुशहाल तो अपना देश खुशहाल