आखिर जालसाज ठेकेदार को क्यों बचाना चाहता है यूआरआरडीए

आखिर जालसाज ठेकेदार को क्यों बचाना चाहता है यूआरआरडीए

 

- वर्ष 2016-17 के 4.14 करोड़ के टैण्डर में अनुभव प्रमाण पत्र का है मामला…
- मामला मोटर मार्ग से सम्बन्धित है….
- आखिर क्यों ली जा रही सम्बन्धित ठेकेदार की सहमति सूचना के बिन्दुओं पर….
- विभाग ने सम्बन्धित ठेकेदार को पत्र भेज दर्शायी अपनी साठ-गांठ….
- फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र से कर लिया था करोड़ों का ठेका हासिल….

देहरादून। विकासनगर स्तिथ जन संघर्ष मोर्चा के कार्यालय में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया जहां पत्रकारों से वार्ता करते हुए मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा ने कहा कि, उत्तराखण्ड ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण (यू0आर0आर0डी0ए0) द्वारा 2016-17 में बजौली नौगांव-भाॅकोली मोटर मार्ग फेज-। के निर्माण हेतु 4.14 करोड़ की निविदा आमन्त्रित की गयी थी। जिसको विकासनगर क्षेत्र के ठेकेदार मै० पराग जैन द्वारा हासिल कर लिया गया था। उक्त कार्य कॉन्टैक्ट बाॅण्ड सं० 47 दिनांक 02/11/2019 के द्वारा स्वीकृत हुआ।

पीन्नी ने कहा कि, विभाग द्वारा उक्त कार्य हेतु सड़क निर्माण का अनुभव टेण्डर प्रक्रिया में निहित किया था। लेकिन ठेकेदार के पास उक्त कार्य का अनुभव न होने के कारण ठेकेदार द्वारा फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र बनवाकर उक्त नौकरी को हासिल कर लिया था। मोर्चा द्वारा उक्त घोटाले से सम्बन्धित दस्तावेज जुटाये जाने को लेकर यूआरआरडीए मुख्यालय को दिनांक-04/11/2019 पत्र प्रेषित कर सम्बन्धित ठेकेदार द्वारा निविदा फार्म जमा करते समय संलग्न किये गये दस्तावेजों तथा कार्यादेश, तुलनात्मक चार्ट व शेड्यूल-बी की प्रतियां मांगी गयी।

 

लेकिन हैरानी की बात यह है कि, विभाग द्वारा सूचना उपलब्ध कराने के बजाये पत्र दिनांक- 31/11/2019 को सम्बन्धित ठेकेदार से सहमति हेतु भेजा गया। जिसमें ठेकेदार की हां या ना का उल्लेख है। सम्बन्धित विभाग ने सूचना उपलब्ध कराये जाने के बजाए ठेकेदार को पत्र भेजकर यह दर्शा दिया है कि, विभाग कोई लाला की दुकान मात्र है, तथा जालसाजी का कारोबार भी करता है। होना तो ये चाहिए था कि, विभाग सूचना उपलब्ध कराता। क्योंकि, ये कोई व्यक्तिगत सूचना न होकर एक सरकारी दस्तावेज है। मोर्चा जालसाज अधिकारियों एवं ठेकेदार को बिल्कुल नहीं बख्शेगा।