अवैध टैक्सी स्टैंडों से बिगड़ रहा शहर का हाल
– प्रशासन व विभाग बने बैठे मूकदर्शक….
देहरादून। शहर में इन दिनों अवैध तरीके से बने टैक्सी स्टैंड व विक्रम स्टैंडों के कारण से लगातार जाम व सडक दुर्घटनाओ जैसी समस्या बढ़ती जा रही है। यह अवैध टेक्सी स्टैंड जो शहर की ही नगर निगम, सिंचाई व नालों-खालो की जमीन घेर के बैठे है। जिन्हें क्षेत्रीय नेताओं का खूब सहयोग- संरक्षण भी प्राप्त हो रहा है। यह समस्या मूलतः रेलवे स्टेशन, रिस्पना पुल व प्रेमनगर आदि में ज्यादा देखने को मिल रही है।
अक्सर पैसेंजर टेक्सी के इंतज़ार में मैन हाइवे पर खड़े हो जाते है, और फिर हाइवे में टेक्सियों व विक्रम की ज्यादा सवारियों की होड़ में लोगों को आये दिन दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है। टेक्सी स्टैंड हाइवे में होने के कारण आये दिन जाम जैसी स्तिथि भी बनी रहती है, और पुलिस प्रशासन, परिवहन विभाग मूकदर्शक बने रहते है। रेलवे स्टेशन के पास रेलवे द्वारा जाम की स्तिथि को देखते हुवे वहां नोटिस भी जारी कर दिया गया। बकायदा इसके वहां टेक्सी स्टैंड जस का तस है।
यही हाल रिस्पना पुल में बने टेक्सी स्टैंड का है, जहां आये दिन हरिद्वार हाइवे पर होने के कारण यहां रोजाना जाम जैसी स्तिथि बनी रहती है, और विधानसभा चौक होने के कारण यहां आये दिन टेक्सियों में सवारी भरने की होड़ में दुर्घटना को भी अंजाम दिया जाता रहता है ।
रिस्पना में तो यह आलम है कि, रिस्पना नदी को ही पूरा टैक्सी स्टैंड बना दिया गया। जो रिस्पना की सुंदरता को तो खराब कर ही रही है, साथ ही साथ किसी बड़ी दुर्घटना को भी न्योता दे रही है। आखिर सवाल पुलिस व्यवस्था और परिवहन विभाग पर उठता है कि, कैसे ऐसे अवेध टेक्सी स्टैंड बिना सरकार की अनुमति के चल रहे है, और इस प्रकार की अव्यवस्था पर समन्धित विभाग ध्यान क्यों नही देता?
कई बार लोगों द्वारा संबधित अधिकारियों को इस प्रकार अवैध टेक्सी स्टैंडों की शिकायत भी की गई, मगर प्रशानिक अधिकारियों के कानों तले झुँ तक नही रेंगती। आखिर अब सवाल यह है कि, अधिकारी कब इस प्रकार की अवैध गतिविधि में बड़ा एक्शन लेंगे या फिर अपनी आदतों से मजबूर सुप्रीम कोर्ट की फटकार खाने के बाद ही ये महकमा जागेगा।