ग्राम पंचायतों को नही मिली चौदहवे वित्त की राशि
ग्रामीणों के मूलभूत आवश्यकता वाले समस्याओं का लगा अंबार
कोरबा। पाली ग्राम के निवासियों को मूलभूत सुविधा मिल सके और आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके इसके लिए शासन द्वारा पंचायत मद की राशि जारी की जाती है। लेकिन विगत एक वर्ष से ग्राम पंचायतों को चौदहवे वित्त के रूप में आवंटित होने वाली राशि नही मिलने से ग्रामीणों को पेयजल, सुगम मार्ग, साफ़-सफाई सहित कई मूलभूत समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
● पाली जनपद पंचायत अंतर्गत वर्तमान में 91 ग्राम पंचायत आस्तित्व में है। जहाँ पंचायतों को गत 2018 में चौदहवे वित्त की राशि का आबंटन किया गया था। जिसके बाद वर्तमान वर्ष में उक्त राशि पंचायतों को नही मिलने के कारण ग्रामों के निवासियों को सड़क, पेयजल, साफ-सफाई सहित विभिन्न समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। शासन द्वारा पंचायतों को जारी चौदहवे वित्त की राशि का उपयोग ग्रामीणों के लिए शुद्ध पेयजल की उपलब्धता, आवागमन वाले बिगड़े एवं उबड़ खाबड़ मार्गों का सुधार कार्य, स्नानागार व पचरी निर्माण,साफ-सफाई कार्यो के साथ शासकीय भवनों के मरम्मत तथा रखरखाव कार्य पर उपयोग में लाया जाता है।
●लेकिन वर्ष 2018 के बाद पंचायतों को राशि आवंटित नही होने के कारण ग्रामीणजनों को उक्त तमाम तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में सरपंच-सचिव भी करें तो आखिर करें क्या? जब पंचायत मद में राशि ही उन्हें ना मिली हो। अधिकतर सरपंच-सचिव द्वारा तो ग्रामीणों के हित में मूलभूत आवश्यकताओं वाले ऐसे कार्य यह सोचकर उधार में करा लिये गए है कि, चौदहवे वित्त की राशि मिलने पर उधार चुकता कर दिया जाएगा। लेकिन इस भरोसे में सरपंच-सचिव कर्जदार हो चले है, और तकादेदारों से मुंह छुपाने की नौबत तक आ गई है। इस संबंध पर कई सरपंच-सचिव ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर आपबीती बताते हुए कहा कि, ग्राम पंचायतों को आवंटन हेतु शासन द्वारा जिला पंचायत को काफी महीने पूर्व चौदहवे वित्त की राशि आवंटित किया जा चुका है। लेकिन अधिकारी इस संदेह में पंचायतों को राशि जारी नही कर रहे।
● आसन्न पंचायत चुनाव में सरपंच-सचिव द्वारा मिलकर उक्त राशि का निजी हित में कहीं दुरूपयोग ना कर दे। जिसकी वजह से ग्रामों में मूलभूत समस्याएँ पसर गई है। ग्रामीणजन आवश्यकता वाले लाभ से वंचित है। यह निर्मित स्थिति एकमात्र पाली जनपद की नही है। अमूमन पाली के अलावा जिले के चार विकासखण्ड क्रमशः कोरबा, करतला, कटघोरा, पोड़ी-उपरोड़ा में भी राशि आवंटित नही होने से समस्या बनी हुई है। जिससे ग्रामीणों के साथ सरपंच-सचिव भी परेशान है।