पुलिस के हाथ बहुत लंबे, देहरादून से दिल्ली जाकर किया डकैतों को गिरफ्तार
– पुलिस को मिली बड़ी सफलता, राजधानी में हुई डकैती का किया खुलासा…
देहरादून। दिनांक- 22/09/19 दिन रविवार की रात्रि समय करीब 10:30 बजे वादी आरपी ईश्वरम, निवासी मसूरी रोड़, निकट मैक्स अस्पताल, देहरादून, द्वारा थाना राजपुर पर सूचना दी कि, चार हथियारबन्द लोगो द्वारा उन्हे व उनके परिवार को घर में बन्धक बना कर उनके घर से नगदी, ज्वैलरी व अन्य सामान लूट कर ले गये है। उक्त सूचना पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून व अन्य उच्चाधिकारी गण तत्काल मौके पर पहुंचे तथा घटनास्थल का निरीक्षण कर घटना के अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।
बता दें कि, घटना के सम्बन्ध में वादी से पूछताछ कर अपराधियो के हुलियो के सम्बन्ध में जानकारी लेते हुये कन्ट्रोल रुम के माध्यम से संदिग्ध व्यक्तियों की तलाश हेतु चैंकिंग प्रारम्भ कराई गई तथा मौके पर FSL व डॉग स्कायॉड तथा SOG की टीम को बुलाकर आवश्यक साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की गयी। घटना के अनावरण हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा पुलिस अधीक्षक नगर के निर्देशन में तत्काल चार अलग-अलग टीमें गठित की गई, गठित टीमो द्वारा सर्वप्रथम मैक्स अस्पताल के गेट पर लगे कैमरे तथा मसूरी डायवर्जन के पास सीसीटीवी कैमरो को चैक किया। जिसमें यह देखा गया कि, घटना के बाद ऐसी गाडी जो कि, उस समय पर मसूरी की तरफ से नही आयी है, तथा वह गाडी मैक्स अस्पताल व डायवर्जन के कैमरे में दिखायी दे रही है।
उन गाडियो को चिह्ननित किया गया। तथा उक्त सभी गाडियों की सूची बनाकर उनके जाने के रुट के सम्बन्ध में जानकारी की गयी। साथ ही राजपुर रोड़ पर उक्त स्थान जहां पर अभियुक्तों द्वारा मोबाइल फेके गये थे, वहां की फुटैज को चैक किया जहां से गाडी का एक हल्का सा खाका प्राप्त हुआ। उक्त सभी फुटेजो को संकलित करते हुये उक्त फुटेजो को कार एक्सपर्ट की टीम तथा स्थानीय मैकेनिकों को दिखाया गया। जिनके द्वारा उक्त कार की पहचान चेवोर्लेट बीट के रुप में हुई। जिस पर पुलिस द्वारा मुम्बई स्थित सेवरोलेट कार की ऐजेन्सी से सम्पर्क कर उनके द्वारा नॉर्थ इण्डिया में बेची गई समस्त बीट कार का डाटा मंगाया गया तथा संदिग्ध कार के रुट के लगभग 250 सीसीटीवी कैमरो का फुटेज संकलित किये गये।
जिसके लिये पुलिस अधीक्षक नगर के निर्देशन में 8 टीमो का गठन किया गया। संदिग्ध गाडी के रुट को फोलो करने पर उक्त गाडी का सहारनपुर चौक से ISBT की ओर जाना ज्ञात हुआ। उसके आगे के रुट में लगे सीसीटीवी कैमरे खराब होने के कारण कोई फुटेज प्राप्त नही हो पायी। पुलिस टीमो द्वारा सभी बाहर जाने वाले रुटो पर संदिग्ध बीट कार के सम्बन्ध में जानकारी की गयी, तथा बाहर निकलने वाले सभी रुटो पर लगे टॉल नाको पर जाकर फुटेज चैक किये गये तो देवबन्द में पुलिस टीम को संदिग्ध कार से मिलती जुलती कार की फुटेज प्राप्त हुई। जिसके न0 के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो वह फर्जी निकला। उक्त संदिग्ध कार के रुट को फोलो करते हुये पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुयी कि, उक्त कार दौराला से होते हुये दिल्ली में प्रवेश किया गया है।
जानकारी से ज्ञात हुआ कि, पुलिस टीम द्वारा उक्त कार को दिनांक- 20/21 सितम्बर को आने के रुट के सम्बन्ध में जानकारी की गई तथा देहरादून रुट के टॉल नाको व बेरियरो को चैक किया गया तो, उक्त संदिग्ध कार के सम्बन्ध में कोई जानकारी प्राप्त नही हो पायी। पुलिस टीम द्वारा घटना से पूर्व के दो-तीन दिनो का डाटा उक्त सभी स्थानो तथा देवबन्द व दौराला से संकलित किया गया। तथा सीसीटीवी एक्सपर्ट की टीम से उसका विशलेषण कराया गया। जिससे पुलिस टीम इस नतीजे पर पहुंची कि, उक्त सभी अभियुक्त एक खास रणनीति के तहत किसी घटना को अंजाम देने से पहले अपने आने व जाने का रुट अलग-अलग रखते है। जिस सम्बन्ध में पुलिस टीम द्वारा उक्त मार्ग के टोल नाको से गुजरने वाले वाहनो का पिछला डाटा उठाकर इस बात की जानकारी जुटायी कि, ऐसे कितनी शैवरोलेट बीट कार उक्त मार्गो से होकर गयी है। परन्तु वापस नही आई। उक्त डाटा का मिलान पुलिस टीम द्वारा मुम्बई शैवरोलेट ऐजेन्सी से प्राप्त गाडियो के डाटा से किया गया तो दिनांक- 28 अगस्त को एक शैवरोलेट बीट कार का देहरादून से जाना ज्ञात हुआ। परन्तु उसके आने के रुट का पता नही चला।
जिस पर टीम द्वारा उक्त गाडी के मालिक का पता मगाकर पूछताछ की गई तो यह गाडी वर्तमान में शैलेन्द्र पुत्र चुन्नी लाल नि0 बीबी 261 बगरियान बस्ती थाना नवी करीम पहाड़ गंज नई दिल्ली के नाम पर दर्ज होना ज्ञात हुआ। जिसको तस्दीक कर उक्त व्यक्ति से पूछताछ में जानकारी मिली कि यह गाडी इसने 2013 में किसी रोजर जैकब से सेकेन्ड हैन्ड खरीदी थी। वर्ष 2016 के बाद इसमें खराबी होने के कारण उसने इसको खडी कर दी थी। सही कराने की इसकी हैसयित ना होने के कारण उक्त गाडी को इसने करीब एक साल पहले सुनील को बेच दिया था। तत्पश्चचात सुनील को बुलाकर पूछताछ की गयी तो सुनील द्वारा बताया कि, उक्त गाडी उसके परिचित मौ0 अदनान नि0 पान मण्डी सदर बाजार नई दिल्ली को यह कहकर कि, आप इसको सही कराकर चला लो पैसे बाद में दे देना कहकर मेरे द्वारा दी गयी थी। जिसके बदले में मौ0 अदनान द्वारा मुझे 15000/ रु0 दिये थे। इसके पश्चचात लोकल पुलिस के माध्यम से मौ0 अदनान के सम्बन्ध में जानकारी की गई तो मौ0 अदनान के खिलाफ नई दिल्ली के विभिन्न थानो में करीब 07 अभियोग नकबजनी, चोरी आदि के दर्ज होना ज्ञात हुआ।
पाठकों को यह भी बताते चलें कि, उक्त व्यक्ति संदिग्ध पाये जाने पर लोकल पुलिस के माध्यम से थाना सदर बाजार में अभि0 अदनान को पूछताछ हेतु बुलाया गया, जिसमें विभिन्न टीमों द्वारा सख्ती के साथ पूछताछ की गयी तो मौ0 अदनान ने बताया कि, जो घटना देहरादून में हुयी है, वह उसके तथा उसके 03 साथियों द्वारा तथा 02 अन्य व्यक्तियों, जिन्होने लूटे गये घरो की रैकी की थी, तथा जो देहरादून और छुटमलपुर के रहने वाले है, के माध्यम से डकैती की योजना बनाकर घटना को अंजाम दिया था। जिसमें उक्त बीट गाडी का इस्तेमाल किया था। अभियुक्त मौ0 अदनान को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से लुटे गये रुपये व अन्य सामान बरामद किया गया। अन्य टीमों द्वारा प्रकाश में आये अन्य अभियुक्तो के सम्भावित ठिकानो पर दबिशे दी गयी, जिसमें मुख्य अभियुक्त विरेन्द्र ठाकुर को सहअभियुक्ता पत्नी रजनी व पुत्री अदिति के साथ मय लूटी गयी सम्पत्ति व नगदी के पहाड गंज दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। देहरादून की एक टीम द्वारा अभियुक्त मुजिबुर रहमान उर्फ पीरु को उसके घर से तथा फुरकान को छुटमुलपुर से मय नगदी व सामान के साथ गिरप्तार करने में सफलता प्राप्त की गयी। अन्य वांछित अभियुक्तो की गिरफ्तारी के लिये विभिन्न टीमें गैर राज्यों मे प्रयासरत है। गिरफ्तार अभियुक्त गणों को मा० न्यायालय में पेश किया गया।
पूछताछ का विवरण:
पूछताछ में मौ0 अदनान कुरैशी द्धारा बताया गया कि, मैं दिल्ली में फड लगाता हूँ। सलमान, जो कि ऑटो चालक है, उससे मेरी जान पहचान थी, सलमान ने मेरी पहचान अपने भान्जे हैदर से करायी इसके बाद हैदर का अक्सर मेरे घर आना-जाना था। एक दिन हैदर और मै साथ बेठे थे, तो मेरे द्वारा उसे बताया कि, दोस्तो के कर्ज अधिक होने के कारण मैं काफी परेशान हूँ और काम भी ठीक प्रकार से नही चल रहा है। इस पर हैदर ने मुझे बताया कि, मैं ठाकुर साहब नाम के एक व्यक्ति को जानता हूँ जो तुम्हारी मदद कर सकता है।
उसके पश्चचात हैदर ने मेरी मुलाकात ठाकुर साहब से करायी ठाकुर साहब ने बताया कि, देहरादून में उनके अन्य साथीयो पिरु तथा फुरकान द्वारा वहां के बडे लोगों के घरों की रैकी कि हुयी है। हम वहां जाकर बड़ा हाथ मार सकते है। इसके बाद दिनांक- 22/09/19 को मैं, फईम व मिश्रा, जिसे फईम लेकर आया था, हम तीनों पहले आश्रम मन्दिर दिल्ली गये, वहां पर सवेरे 5 बजे हैदर व ठाकुर साहब मेरी कार DL10CB2053 वहां पर लाये तथा हम लोग देहारदून के लिये निकल गये। गाड़ी ठाकुर चला रहा था। फिर हम लगभग 09:30/10:00 AM के लगभग देहरादून पहुच गये। देहरादून में हम एक पुराने मकान में रुके जो कि, ठाकुर साहब के मुखबीर पिरु का था। हम लोगो ने पिरु के घर पर ही दिन का खाना खाया और फुरकान को वहां पर रेकी के लिये भेज रखा था।
हम जिस वाहन बीट कार सं0 DL10CV 2053 से देहरादून आये थे, रास्ते में ठाकुर ने उसकी नम्बर प्लेट निकाल कर UK06VV3264 की नम्बर प्लेट लगायी। प्लानिंग के तहत हम सब लोग लगभग 05:30 बजे राकेश बत्ता के घर के लिये निकले। पिरु स्कूटी से गया, फिर पिरु की फुरकान से बात हुयी तो पिरु चला गया। फुरकान अपनी मो0सा0 से आगे-आगे चल रहा था। राकेश बत्ता के घर पहुचने पर हमारी उसकी पत्नी से बात हुयी जिसे हमने बताया कि, हमें रायपुर के काऊजी ने भेजा है। हमें यहां आपसे प्रोपर्टी बनवानी है राकेश बत्ता घर पर मौजूद नहीं थे, उनके घर पर लोग अधिक होने के कारण हम वहां घटना को अंजाम नहीं दे पाये। हम काम पोस्पोन्ड कर दिल्ली जा रहे थे, तो ठाकुर साहब बोले की एक काम और है, नहीं तो वह देख लो। क्योकि, पिरु और फुरकान ने पहले ही उसकी रेकी कर रखी थी, फुरकान ने मोबाइल से ईश्वरम के घर की वीडियो बनाकर ठाकुर व हैदर को दिखायी थी। ठाकुर व हैदर का मुखबीर फुरकान हमें रास्ता दिखाकर ईश्वरन के घर पर ले गये फिर फुरकान व ठाकुर बाहर ही रुक गये, फिर मैं, मिश्रा, हैदर व फईम लगभग 8:15 बजे पर मकान के अन्दर गये। ईश्वरन के घर के गेट पर गार्ड नहीं था, गार्ड रुम खाली था। फिर हमने दरवाजे को खटखटाया तो एक नौकर ने गेट खोला।
हमने नौकरों को पिस्टल दिखाकर उपर गये तो जहां पर दोनो पति-पत्नी टीवी देख रहे थे। फईम चाकू लेकर दरवाजे पर खड़ा होकर निगरानी करने लगा हमने उन सभी के फोन ले लिये और आलमारी व लोकरों की तलाशी लेकर कैश, ज्वैलरी निकाल ली। इसी दौरान मकान का गार्ड आया तो मिश्रा उसे लेकर उपर आ गया हमे आलमारी लोकरों से लगभग पौने चार लाख रुपये मिले। फिर हमने पूरा सामान एक बड़े बैग में रखा जो कि, हम साथ लेकर आये थे, हमने घर में मौजूद सभी लोगो के हाथ बांध दिये और ज्वैलरी व अन्य आईटम से भरा बैंग व इनके जब्त किये मोबाइल लेकर बाहर आ गये, तथा बाहार से दरवाजा लॉक कर चाबी वहीं फेंक दी। उनके घर का DVR मिश्रा द्वारा एक नौकर को लेकर निकाला गया था। हम पांचो लोग लगभग 10:15 बजे पर देहरादून से दिल्ली के लिये निकल गये। गाडी में ही हम लोगो ने पैसे को बंटवारा किया। सभी के हिस्से में 60-60 हजार रुपये आये। लूटी गयी ज्वैलरी में से कुछ ज्वैलरी हमने बेच दी तथा बची हुयी ज्वैलरी को हमने आपस में बांट लिया।
पूछताछ में अभियुक्त द्वारा यह भी बताया गया कि, दिनांक- 26/05/19 को उसने वीरेन्द्र सिंह, हैदर, ईलियास, मानू, मुजिब्बुरहमान उर्फ पिरु तथा फुरकान के साथ विजय पार्क बसन्त बिहार क्षेत्र में एक घर में इसी प्रकार की घटना की थी, जिससे प्राप्त रुपयो उन्होने आपस में बाँट लिया था।
नोट- जानकारी करने पर प्रकाश में आया कि, घटना का मास्टर माईन्ड अभियुक्त विरेन्द्र सिंह उर्फ ठाकुर साहब BSF में डिप्टी कमान्डेन्ट के पद पर था। जो वर्ष 2000 में रिश्वतखोरी के मामले BSF से बर्खास्त हुआ था।
गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम व पता:-
● वीरेन्द्र सिंह उर्फ ठाकुर साहब पुत्र अमे सिंह, नि0 बी 247 छतरपुर, थाना मैदान गढी दिल्ली। (मास्टर माइन्ड)
● मौ0 अदनान पुत्र स्व0 मौ0 अली, नि0 हाउस न0 1045 पान मण्डी, सदर बाजार नई दिल्ली। (सदस्य)
● मुजिब्बुर रहमान उर्फ पिरु पुत्र वहीद अली, नि0 आजाद नगर कालोनी, थाना रायपुर देहरादून।
● फुरकान पुत्र मुस्ताक, नि0 अलावलपुर, थाना भगवानपुर हरिद्वार।
वाछिंत अभियुक्त
● हैदर पुत्र ईस्लामुद्दीन नि0 महदूद गांव नूरपुर चांदपुर बिजनौर।
● फईम पुत्र सहाबुद्दीन नि0 रघुवीर नगर नई दिल्ली।
● मिश्रा नाम पता अज्ञात
●फिरोज पुत्र सहाबुद्दी नि0 रघुवीर नगर नई दिल्ली।
बरामदगी का विवरण:-
● बड़ी मूर्ति गणेश जी की पीली धातु- 1
● सफेद धातु की ट्रे- 1
● ग्लास सफेद धातु- 4
● गणेश जी की मूर्ति सफेद धातु- 1
● लक्ष्मी जी की मूर्ति सफेद धातु- 14
● गले की चैन मय लौकेट सफेद धातु- 2
● स्पिंन्टल बहुमूल्य आभूषण
● गांडी ईको स्पोर्टस DL12