युवा नशे की जद में, सरकार निंद्रा त्यागने को तैयार नहीं
देहरादून। प्रदेश का युवा नशे में बर्बाद हो चुका है, लेकिन सरकार बेसुध बैठी है। नशे के कारोबारियों पर शिकंजा कसने को डीजीपी को सौंपा था ज्ञापन। मुख्य न्यायधीश ने नशा हब मामले में सरकार के मुँह पर जड़ा तमाचा। सरकार खो चुकी जनता का विश्वास।
विकासनगर स्तिथ जनसंघर्ष मोर्चा के कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि, दून में आयोजित एक कार्यक्रम में मा0 मुख्य न्यायधीश ने अपने सम्बोधन में प्रदेश के युवाओं एवं राज्य में तेजी से बढ़ रहे नशे एवं नशे के कारोबार को लेकर जो कहा निश्चित तौर पर प्रदेश सरकार के लिए आत्मचिन्तन वाली बात है।
उनके द्वारा प्रदेश के लिए नशे का हब बनने एवं नशे के कारोबार में अप्रत्याशित वृद्वि होने का जो जिक्र किया गया है। वो इस बात का द्योतक है कि, प्रदेश अब ज्यादा दिनों तक सुरक्षित नहीं रह पायेगा। अगर इस माहमारी का जड़ से खात्मा नहीं किया गया तो, गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे। पूरा प्रदेश नशे की जद में है, लेकिन सरकार है कि जागने को तैयार नहीं।
मोर्चा अध्यक्ष नेगी ने कहा कि, बड़े शर्म की बात है कि, मोर्चा द्वारा दिनांक- 29/05/2019 को पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड को ज्ञापन सौंपकर इन सभी तथ्यों से अवगत कराया था। जिनमें यहाँ तक कहा गया था कि, अगर इस कारोबार पर पूर्णरूप से अंकुश नहीं लगाया गया तो, वो दिन दूर नहीं जब सेना व सशस्त्रबलों को भर्ती हेतु युवा ढूंढे नहीं मिलेगें।
मोर्चा की बात को सरकार द्वारा गम्भीरता से नहीं लिया गया। लेकिन मा0 मुख्य न्यायधीश द्वारा नशे का हब बनने जैसे शब्दों का प्रयोग करना निश्चित तौर पर सरकार के लिए डूब मरने वाली बात है। मा0 उच्च न्यायधीश के बयान के बाद बेहतर होगा सीएम त्रिवेन्द्र घर पर आराम फरमायें।
पत्रकार वार्ता में मुख्य रूप से उपस्थित जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी, मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, अमित जैन, मौ0 इस्लाम, सुशील भारद्वाज आदि रहे।