झूठी उपलब्धियों के विज्ञापनों से नहीं चलती सरकारें
– अगर विज्ञापन छपवाना है तो अपने काले कारनामों का छपवायें सरकार….
देहरादून। अगर धरातल पर कार्य किया होता तो विज्ञापन छपवाने की जरुरत ही नहीं पड़ती। मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत झूठे विज्ञापन छपवाकर अपनी सरकार का परचम लहराने वाले पहले मुख्यमन्त्री बन चुके हैं। परन्तु झूठी उपलब्धियों के विज्ञापनों से सरकार नहीं चला करती, मुख्यमन्त्री जी। आज विकासनगर में स्तिथ जनसंघर्ष मोर्चा के कार्यालय में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया जहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा सीएम त्रिवेन्द्र पर तंज कसते हुए कई सवाल खड़े किए।
– मोर्चा मुख्यमन्त्री के झूठ के पुलिंदों को लेकर राजभवन में देगा दस्तक…
अध्यक्ष रघुनाथ ने वार्ता को जारी रखते हुए यह भी कहा कि, प्रदेश कर्ज के सहारे चल रहा है। वहीं दूसरी ओर करोड़ों रूपये के झूठे विज्ञापन छपवाकर जनता की गाढ़ी कमाई को लूटने जैसा काम प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है। अगर विज्ञापन ही छपवाना है, तो अपने काले कारनामों का छपवायें तथा उसमें इन प्रश्नों का उत्तर जरूर छपवायें कि, खनन डील का बिचैलिया कौन था? बेरोजगारों को रोजगार कब मिलेगा? डेंगू से हुई दर्जनों मौतों का जिम्मेदार कौन है? पीडब्ल्यूडी टेण्डर घोटाले का जिम्मेदार कौन? ढैंचा बीज घोटाले की काली कमाई कहाँ खपायी तथा उसकी सीबीआई जाँच क्यों नहीं हुई?
मोर्चा अध्यक्ष ने सवालों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, इन्वेस्टर्स समिट कराकर कितना निवेश हुआ? शराब माफियाओं के लिए रातों-रात स्टेट हाईवे को जिला रोड क्यों किया? प्रदेश का राजस्व दिनों-दिन क्यों घट रहा है? हजारों करोड़ के बाजारू कर्ज से क्या विकास कार्य किया? हरिद्वार व देहरादून में शराब से मरने वाले सौ से अधिक लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन? प्रदेश में हो रही आत्महत्याओं का जिम्मेदार कौन? 108 आपात सेवा के कर्मचारियों को रोजगार कब मिलेगा?
ऐसे कई सवालों को मोर्चा अध्यक्ष ने पत्रकारों के साथ साझा किया। अध्यक्ष नेगी ने कहा कि, प्रदेश की जनता इस सरकार से त्रस्त हो चुकी है, तथा अपने दुर्भाग्य पर रो रही है। पूर्ववर्ती सरकारें भी विज्ञापन छपवाया करती थी, लेकिन वो सच हुआ करता था। अब तो सिर्फ और सिर्फ झूठ है। मोर्चा शीघ्र ही इस मामले में राजभवन में दस्तक देगा।