जनता ने मांगा भ्रष्टाचारी नेताओं के खिलाफ लोकपाल, प्रधानमंत्री ने दिया जनता के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट ठोकपाल

जनता ने मांगा भ्रष्टाचारी नेताओं के खिलाफ लोकपाल, प्रधानमंत्री मोदी ने दिया जनता के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट ठोकपाल…

 

आरटीआई एक्टिविस्ट, संजय भट्ट….
देहरादून। अम्बानी की जियो कंपनी के विज्ञापन में प्रधानमंत्री के नाम व फोटो के इस्तेमाल पर अम्बानी की कम्पनी पर 500 रु जुर्माना तो भूल गए होंगे आप लोग?जनलोकपाल आंदोलन से लेकर, 2014 के चुनावी नारे “नहीं सहेंगे भ्रष्टाचार, अबकी बार मोदी सरकार”।

 

जब देश की जनता भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट हुई, देश के कोने-कोने में आंदोलन हुवे, बात 2011-12 की है। केजरीवाल ने पार्टी बना डाली, 2013 व 2015 में दिल्ली राज्य में सत्ता प्राप्त की। देश के आप चुनाव 2014 में कांग्रेस-यूपीए की सरकार सत्ता से बाहर हो गई। बीजेपी-एनडीए की सरकार आई, नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। लोगों को आस थी कि, बीजेपी के नारे “नहीं सहेंगे भ्रष्टाचार, अबकी बार मोदी सरकार” के मुताबिक काम होगा। भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा जाएगा, जनलोकपाल, लोकायुक्त कानून आएगा।

 

बता दें कि, 6 साल शासन सत्ता में रहकर भी प्रधानमंत्री मोदी लोकपाल कानून नहीं लाये। बहुत सारे ऐसे नेताओं जिनपर बीजेपी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, वो नेतागण बीजेपी में जरूर शामिल हो गए। यूपीए-कांग्रेस शासनकाल में बने लोकपाल की फाइल पिछले 6 सालों से मोदी जी के किस कार्यालय में धूल खा रही किसी को नहीं पता।

 

– मोटर व्हीकल एक्ट-2019

अब प्रधानमंत्री मोदी मोटर व्हीकल एक्ट-2019 लाये हैं। भ्रष्चारियों के खिलाफ नहीं जनता के खिलाफ। क्योंकि, इस मोटर व्हीकल एक्ट में जो चलन हो रहे हैं, वो 23,000- 37,000- 59,000- 98,000 रु0 के हैं। साथ ही 3 साल की सजा का भी प्रावधान है। अगर आपका नाबालिक बच्चा गाड़ी चलाता पकड़ा गया तो आप अभिभावकों को 3 साल की सजा हो सकती है। जबकि ब्लात्कार जैसे मामले में भी 7 साल सजा व 10,000 रु जुर्माना लगता रहा है।

 

अब इन बलात्कार, भ्रष्टाचार जैसे जघन्य अपराधों में सजा व जुर्माना देखिये, आपकी आंखें खुल जाएगी-

 

बलात्कार में जुर्माना 10,000 रु0- बलात्कार

देहरादून में 3 सितंबर 2019 को कोर्ट ने मूकबधिर संवासनी (नारी निकेतन देहरादून) के बलात्कार, गर्भपात करवाने, साक्ष्य छुपाने के मामले में 9 लोगों को 2 से 7 साल की सजा सुनाई व 10-10,000 रु0 का जुर्माना लगाया।

 

12 लाख की रिश्वत में जज पर जुर्माना 5,000 रु0-

देश के पहले जज जिन्हें भ्रष्टाचार के केस में सजा सुनाई गई, सुरिंदर सिंह भारद्वाज को 2009 में 12 लाख रिश्वत मामले में 3 साल की सजा व 5 हजार रु का जुर्माना लगाया गया था।

 

भ्रष्टाचार में जुर्माना 10-20,00 रु0-

रोहतक 7 अगस्त 2019, भ्रष्टाचार के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रितू वाइके बहल की कोर्ट ने पटवारी विनोद को चार साल की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। जबकि, सहायक सतीश को तीन साल की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है।

 

प्रधानमंत्री की फोटो व नाम का इस्तेमाल करने पर अम्बानी पर जुर्माना 500 रु0-

अम्बानी की कम्पनी JIO के विज्ञापन में PM मोदी की तस्‍वीर का इस्तेमाल करने पर मात्र 500 रुपये का जुर्माना लगा था। इससे यह तो साफ है कि, मोदी सरकार की नजरों में बिना कागज के गाड़ी चलाना बड़ा गुनाह है। जबकि ब्लात्कार, भ्रष्टाचार, प्रधानमंत्री के नाम व फोटो का इस्तेमाल करना शायद छोटे गुनाह हैं। तो देश वासियों दोबारा भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कभी आवाज न उठाना, वरना न जाने अगला क्या फरमान आपके ही खिलाफ लागू हो जाये।