पासपोर्ट बनाने के नाम पर लोगों को गुमराह कर ठगते एजेंट

पासपोर्ट बनाने के नाम पर लोगों को गुमराह कर ठगते एजेंट

देहरादून। आज कल पासपोर्ट बनाने के नाम पर कुछ एजेंट लोगों को गुमराह कर लूट रहे हैं। यह एजेंट फर्जी दस्तावेजों के जरिए पासपोर्ट बनाने का दावा करके लोगों को लूटते है। सिर्फ इतना ही नहीं इसके लिए वह आवेदन भी करवा रहे हैं।

 

बता दें कि, आवेदकों को ठगी का अहसास तब होता है, जब पासपोर्ट कार्यालय से आवेदन निरस्त हो जाता है। एजेंटों की ठगी का शिकार होने वाले लोगों में ज्यादातर लोग सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर और आसपास के अन्य जिलों के हैं।

 

यह भी बताते चलें कि, यह व्यवस्था 15 नवंबर 2018 को लागू कर दी गई थी। जबकि, 14 नवंबर 2018 में केंद्र सरकार ने केंद्र अधिनियम में संशोधन करते हुए कहा था कि, भारत में रहने वाले नागरिक देश में किसी भी पासपोर्ट कार्यालय से पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते है। पासपोर्ट कार्यालय उसका पुलिस वेरिफिकेशन आवेदक के निवास के संबंधित जिले से ही करेगा।

 

इस बात का फायदा उठाते हुए कुछ एजेंटों ने लोगों के पासपोर्ट जल्द बनाने का दावा करने के साथ साथ लोगों को लूटा। यह एजेंट मुख्य तौर पर सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर और आसपास के जिलों के ऐसे लोगों को तलाशते हैं, जिनके पास मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय की डिग्री नहीं होती है, जिस वजह से आवदेन पासपोर्ट कार्यालय में जांच के बाद निरस्त हो जाते हैं।

 

 

एजेंट नासमझ लोगों को गुमराह करते है कि, दूसरे प्रदेश में गहन जांच न होने की वजह से उनका पासपोर्ट आसानी से बन जाएगा। ऐसे में एजेंट आवेदन शुल्क के अलावा अतिरिक्त पैसे ऐंठकर लोगों का आवेदन करवा देते हैं।

 

पिछले कुछ दिनों से अचानक इस तरह की घटनाएं घटने लगी है। जब पीड़ित आवेदकों से पूछताछ की गई तो ठगी के तरीके का पता लगा। ऐसे ठगों को चिह्नित किया जा रहा है। साथ ही आवेदकों से अपील की जाती है कि, किसी के झांसे में न आए और पासपोर्ट कार्यालय से पहले पूरी जानकारी हासिल कर लें उसके बाद ही पासपोर्ट बनवाएं। आवेदन के साथ तथ्य छुपाने पर पासपोर्ट एक्ट के तहत आरोपी को दो साल की कैद या पांच हजार जुर्माना या दोनों सजा हो सकती हैं।

 

– ऋषि अंगरा, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, उत्तराखण्ड।