पंचायत राज संसोधन एक्ट पर हाईकोर्ट का फैसला सुरक्षित
देहरादून। कांग्रेस नेता जोत सिंह बिष्ट बनाम सरकार एवं 5 अन्य याचिका पर जिनमें उत्तराखण्ड सरकार के पंचायत राज संसोधन एक्ट में याचिका कर्ताओं द्वारा 2 से अधिक बच्चे वालों पर चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के अलावा 3 अन्य बिंदुओं पर याचिकाकर्ता जोत सिंह बिष्ट की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय बहादुर सिंह नेगी ने अपना पक्ष रखते हुए पूर्व में मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा विभिन्न मामलों में दिये गए फैसलों को नजीर के रूप में पेश किया
विद्धवान अधिवक्ता नेगी ने कहा कि, सरकार को अधिकार है कि, वह कानून बनाए, लेकिन सरकार को यह भी बताना चाहिए कि, जो कानून बना है, जिस से कई हजार लोग चुनाव लड़ने से वंचित हो रहे हैं, इस से क्या हासिल होगा?
इस पर सरकार की तरफ से कहा गया कि, परिवार नियोजन व जनसंख्या नियंत्रण इस कानून को बनाने का उद्देश्य है। अब ऐसे में सभी की उम्मीद मा0 न्यायालय के फैसले पर है। क्योंकि, जिनके पहले ही 2 से अधिक संतान हैं उनको चुनाव लड़ने से रोकने पर कैसे जनसंख्या नियंत्रण होगा, इसका कोई ठोस जबाब सरकार के पक्ष से नहीं आया।
याचिका कर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र सिंह पाल, विपुल शर्मा, कांडपाल, श्रीमती बेलवाल, भट्ट आदि ने पैरवी की, जबकि सरकार का पक्ष एडवोकेट जनरल बाबुलकर ने रखा।
पंचायत जनाधिकार मंच के संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि, हम सभी याचिकाकर्ता अपने पक्ष में हमारे अधिवक्ता समूह द्वारा की गई पैरवी से पूरी तरह आश्वस्त हैं।