एक्सक्लूसिव: उत्तराखण्ड में किसानों का उग्र प्रदर्शन। भारी दल-बल के साथ निकली ट्रेक्टर रैली, पुलिस से नोकझोंक

उत्तराखण्ड में किसानों का उग्र प्रदर्शन। भारी दल-बल के साथ निकली ट्रेक्टर रैली, पुलिस से नोकझोंक

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार स्थित बहादराबाद हाईवे पर उस समय किसान संगठनों और पुलिस प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति बन गई, जब भारी संख्या में क्षेत्र के किसान आंदलोन के तहत देहरादून कूच कर रहे थे। भारी सांख्य में किसानों के काफिले को देहरादून कूच करने से पहले ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने बहादराबाद हाईवे पर रोक दिया। जिसके बाद किसान नेताओ और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के बीच मौके पर जमकर बहस हुई। आंदोलन कर रहे किसानों ने हाईवे पर बैठ धरना प्रदर्शन और विरोध कर बहादराबाद हाइवे पर जाम लगा दिया।

बता दें कि, देहरादून कूच करने जा रहे किसान नेताओ का कहना है कि, किसानों संयुक्त मोर्चे के आवाहन पर पूरे देश का किसान अपने प्रदेशों में राज्यपाल का घेराव करेगे। बार-बार केंद्र सरकार और उनके प्रवक्ता द्वारा किसान आंदोलन को हरियाणा और पंजाब का आंदोलन बताया जाता है। केंद्र सरकार की आँखे खोलने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, पूरे प्रेदेश से किसानों की टीमें राज्यपाल के घेराव के लिए रवाना है। हम राज्यपाल को तीनों कृषि कानून रद्द करने और एमएसपी को कानून का दर्जा दिलाने के लिए एक ज्ञापन भी प्रेक्षित करना चाहते है। मगर हमे बहादराबाद हाईवे पर पुलिस और प्रशासन की टीम ने रोका है। किसानों की जब तक मांगे पूरी नहीं होगी, देश का किसान आंदोलन करता रहेगा।

वहीं हाईवे पर किसानों के काफिले को रोकने पहुंचे हरिद्वार एसडीएम गोपाल सिंह चौहान का कहना है कि, किसानों का नए कृषि कानून को लेकर आंदोलन चल रहा है। आज किसानों का राजधानी देहरादून कूच करने का कार्यक्रम था। देहरादून कूच के लिए जा रहे इन किसानों के काफिले को आज पुलिस और प्रशासन की टीम के द्वारा बहादराबाद हाईवे पर रोक दिया गया है। मौके पर इनके द्वारा सौपे गए ज्ञापन को मेरे माध्यम से उच्च स्तर पर प्रेक्षित किया जाएगा और इनकी बातों का संज्ञान भी उच्च स्तर को कराया जाएगा।

बता दें कि, उत्तराखंड के मुख्चमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से किसानों का गुस्सा फूट पड़ा और किसानों के समर्थन में राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों से ट्रैक्टर रैली के साथ राजभवन कूच करने वाले किसानों को पुलिस ने बैरीकैडिंग व वाहन लगाकर रोक लिया, जिससे किसानों में आक्रोश पैदा हो गया और उन्होंने वहीं पर प्रदर्शन कर धरना दिया। इस दौरान पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर नोंकझोंक हुई। यहां किसानों ने हर्रावाला में जमकर हंगामा काटा और केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और काले कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग की।

वहीं दूसरी ओर हाईवे को जाम कर दिया। किसानों के समर्थन में राजधानी में अनेकों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने राजभवन कूच किया। यहां राजधानी के आसपास के क्षेत्रों से किसानों ने ट्रैक्टर के साथ किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए और काले कानूनों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर राजभवन कूच करना लेकिन पुलिस ने सभी को बार्डर व आसपास के क्षेत्रों में रोक लिया और उन्हें शहर में प्रवेश नहीं करने दिया और इस बीच पुलिस व प्रदर्शनकारी किसानों के बीच जमकर नोंकझोंक हुई और रैली को डोईवाला में ही रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।

लेकिन लच्छीवाला टोल बैरियर पर पुलिस ने किसानों को रोका, और इस बीच पुलिस व किसानों में तीखी नोक झोंक हुई और हालांकि कुछ किसानों को रोकने में पुलिस नाकाम रही और वह आगे बढ़ गये और हर्रावाला पहुंच गये और यहां पर पुलिस ने बैरीकैडिंग व सड़क निर्माण कार्य में लगे बड़े बडे वाहनों को बीच सड़क में खडे कर दिये जिससे किसान ट्रैक्टर लेकर आगे न बढ़ सके और इस बीच किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया और केन्द्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की तथा धरने पर बैठ गये। डोईवाला के ऋषिकेश रोड पर गुरुद्वारा लंगर हॉल से किसानों की रैली पुल से होते हुए निकाली। रैली को पूर्व विधायक हीरा सिंह बिष्ट सहित अनेक समर्थकों के साथ समर्थन दिया।

वहीं दूसरी ओर किसान कानूनों के विरोध में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125 वर्षगांठ के अवसर पर नेताजी को याद करते हुऐ तीनों किसान बिलों के विरोध में किसानों ने राजभवन देहरादून का जबर्दस्त धेराव किया तथा सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया तथा तीनों किसान बिलों को वापस लेने की पुरजोर मांग की गई और इस बीच पुलिस से तीखी नोंकझोंक होने के बाद वहीं धरने पर बैठ गये।