हल्द्वानी के गौलापार से अन्तर्राज्य बस अड्डे को अन्यत्र शिफ्ट करने के विरोध में उतरे कांग्रेसी। दिया अल्टीमेटम
हल्द्वानी के गौलापार इलाके से अंतरराज्यीय बस अड्डे को अन्यत्र शिफ्ट करने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस ने इसे बीजेपी की सोची समझी साजिश करार दिया है। गौलापार से लेकर लालकुआं तक के कांग्रेस जनप्रतिनिधियों ने आज आईएसबीटी के मुद्दे को लेकर हलद्वानी बुद्द पार्क में धरना दिया। उन्होंने कहा कि, वे राज्य सरकार के इस निर्णय के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट तक जायेंगे। क्योंकि, यह कांग्रेस का ड्रीम प्रोजेक्ट भी था और हरीश रावत ने सीएम रहते आईएसबीटी का शिलान्यास भी कर दिया था। लेकिन श्रेय लेने की होड़ में बीजेपी सरकार ने काम रुकवाकर आईएसबीटी किसी अन्य जगह शिफ्ट करने की बात कह दी।
गौलापार में बनने वाले आईएसबीटी के लिये 8 हेक्टेयर जमीन हस्तांतरण में करीब 6 साल का वक़्त लगा। अब परिवहन विभाग ने वन विभाग को यह ज़मीन लौटा दी है, जिससे असीएसबीटी निर्माण की कोशिश फिर शून्य से शुरू होगी। इस पूरी प्रक्रिया में उत्तराखंड की जनता की गाढ़ी कमाई के ढाई करोड़ रुपये खर्च हुए। जबकि आईएसबीटी के शिलान्यास तक करीब 2700 हरे पेड़ो को भी काट दिया गया था। जून 2017 में आईएसबीटी की खुदाई के दौरान नर कंकाल मिलने पर यह काम रुकवा दिया गया और नया आईएसबीटी हलद्वानी तीनपानी में बनाने की बात सरकार ने कही। कांग्रेस का आरोप है कि, बीजेपी सरकार की विनाश नीति के तहत सरकार जनता की गाढ़ी कमाई को बर्बाद कर घटिया राजनीति का उदाहरण पेश कर रही है।