हरिद्वार की बिलकेश्वर कॉलोनी में हाथी ने मचाया उत्पाद। सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई करतूत
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। धर्मनगरी के रिहायशी इलाकों में जंगली जानवरों का निकलना जारी है। देर रात हरिद्वार स्थित बिलकेश्वर कॉलोनी में एक जंगली हाथी ने जमकर उत्पात मचाया और स्थानीय लोगो के वाहनों सहित बाउंड्री वाल तक तोड़ दी। जहां हाथी कॉलोनी में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। लगातार रिहायशी इलाकों में जंगली जानवरों के आने से स्थानीय लोगो को जहां भारी नुकसान हुआ तो वही लोगो मे दहशत का माहौल है। लगातार जंगली जानवरों की दस्तक से वन विभाग के दावों की पोल भी खुल गई है।
हरिद्वार में रिहायशी इलाकों में जंगली जानवर के निकलने की घटना पर वन विभाग के अधिकारी यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं कि, जंगली जानवर रिहायशी इलाकों में आ जाते है। इसके लिए रेस्क्यू टीम लगाई गई। जो जानवरो को वापस जंगल मे पहुचने का कार्य लगातार करती है। बिलकेश्वर कॉलोनी मे भी हाथी द्वारा रात के समय लोगों का काफी नुकसान किया गया है। हाथी द्वारा लोगों की बाउंड्री वॉल और वाहनों को नुकसान किया गया है। इस तरह की घटना की हमें सूचना मिलती है तो हमारी रेस्क्यू टीम तुरंत मौके पर पहुंचकर जंगली जानवर को वापस जंगल में भेजने का कार्य करती हैं।
हाथी द्वारा मचाए गए उत्पाद पर स्थानीय लोगों का कहना है कि, हाथी के बिलकेश्चर कॉलोनी में आने की कोई नई घटना नहीं है। पूर्व के समय में भी हाथी द्वारा काफी नुकसान किया जा चुका हैं। कल रात भी एक हाथी ने स्थानीय लोगों का काफी नुकसान किया है। लोगों की बाउंड्री वॉल और वाहनों को हाथी द्वारा नुकसान पहुंचाया गया है। हमारे द्वारा पूर्व के समय से ही वन विभाग को इस समस्या का समाधान करने के लिए मांग की गई है। मगर कोई सुनवाई नहीं होती तो हमारे द्वारा यह भी मांग की गई है कि, क्षेत्र में सोलर फैंस की व्यवस्था की जाए। हाथी लेपर्ड और अन्य जंगली जानवर क्षेत्र में आते रहते हैं। इसको लेकर हमारे भीतर भय का माहौल बना रहता है और हमारे ऊपर जान का खतरा बना रहता है।
हरिद्वार की बिल्केश्वर कॉलोनी में जंगली जानवरों की दस्तक से जहां लोगों को भारी नुकसान हो रहा है तो वहीं लोगों में भय का माहौल भी है। वहीं वन विभाग जंगली जानवरों को आने से रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। अब देखना होगा कि, जंगली जानवरों को कॉलोनी में आने से रोकने के लिए वन विभाग द्वारा क्या व्यवस्था की जाती है।