आरक्षण की वजह से जनरल के हाथ से फिसलने लगी नाैकरी
कोटद्वार। समजसेवी आरती कंडवाल बताया कि, प्रधान मंत्री की इस बात पर हमें गर्व है। इसीलिए आपसे एक विनती कर रही हूँ। आरक्षण की वजह से कुछ प्रतिभाहीन बच्चे उस कुर्सी पर बैठे हैं जहाँ कि, उन होनहार बच्चों को होना चाहिए था जो दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं जो देश के लिए बहुत कुछ कर सकते थे, जिनकी योग्यता को ये आरक्षण रूपी राक्षस निगल गया। महोदय अगर आज 90% से ऊपर लाने वाले बच्चों को 40% लाने वाले बच्चे से पहले रखा होता तो आज तक हमारे देश ने कोरोना की दवाई खोज ली होती, पर जो बच्चे कक्षा में साधारण पढाई भी नहीं कर पाए उन बच्चों को इतनी उच्च स्तरीय पढाई के लिए भेज दिया और वो वहाँ की पढाई कर नहीं पाये फिर फेल होकर वहाँ से निकाल दिए गए।
होनहार छात्रों की थी जिन्हें इन रक्षित बच्चों ने बरबाद कर दिया। खुद कुछ कर पाए और उन होनहारों को करने दिया। गलती उन आरक्षित बच्चों की नहीं इस कानून की है जो उन बच्चों को सम्मान दिलाने की जगह उनको भीख के रूप में आरक्षित सीट देकर होनहार सामान्य वर्ग के बच्चों के मन में उनके लिए ईर्ष्या भर रहा है। इस कानून को बदल दीजिए। हर होनहार बच्चा चाहे वो किसी भी जाति और धर्म का हो उसी को वो जगह दी जाए जो उसके लायक हैं।और ऐसा नहीं है कि, अनुसूचित वर्ग के सारे बच्चे काबिल नहीं होते कुछ काबिल हैं तो फिर उनके लिए आरक्षण क्यों।