खनन माफियाओं का दुस्साहस। हिला डाली पुल की बुनियाद। उपजिलाधिकारी ने किया संयुक्त सर्वेक्षण
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। कोटद्वार में रिवर ट्रेनिंग चैनेलाइज सिस्टम से होने वाले खनन द्वारा खोह नदी में हो रहे खनन में खनन कारोबारियों ने पुल की बुनियाद तक हिला डाली। गौरतलब है कि, नदी में रिवर चैनेलाइज सिस्टम से खनन के लिए चार पट्टे स्वीकृत हुए हैं। इन 4 पट्टों में तीन पुल भी आते हैं। जो सनेह पट्टी के गांवों/वार्डों को जोड़ने का काम करते हैं। मानकों के अनुसार खनन पुल से 300 मीटर दूर होना चाहिए लेकिन खनन भारी मशीनें से हो रहा है। पुल से मात्र 25-30 मीटर दूरी तक होने लगा है। रविवार को उपजिलाधिकारी, खनन विभाग, वन विभाग की टीम ने खोह नदी का संयुक्त सर्वेक्षण किया था।
जिसमें खनन कारोबारियों द्वारा कई गलतियां की थी। जिसे सुधारने के लिए निर्देश भी दिए गए थे। परंतु लगता है यह निर्देश मात्र दिखावा मात्र तक सीमित है। क्योंकि जिस प्रकार से सोमवार से खनन पट्टा धारकों ने खोह नदी के तटबंध जड़ तक खोद डाले तथा नदी के ऊपर बने पुल की बुनियाद तक खनन कर डाला उससे क्षेत्र को भारी नुकसान बरसात के मौसम में हो सकता है। भारी भरकम मशीनों से 10 मीटर से ज्यादा गहरे गड्ढे पानी का बहाव को जहां रोकेंगे वही पानी को खट्टा भी करेंगे जिससे नदी में अतिरिक्त फोर्स बनेगा उसी से बाढ़ की संभावना भी बनेगी।
पट्टा धारक खनन कर्ताओं ने नदी के दोनों तट बंधों को निश्चित मानकों को दत्ता बता कर खनन कर डाला है। लेकिन प्रशासन लगता है केवल निरीक्षण तक सीमित है। मानकों के विपरीत हो रहे खनन कार्यों से उसने आंखें मूंदी हुई है। अगर यही रवैया रहा तो निश्चित रूप से इस बरसात में सनेह क्षेत्र के कई गांव को खोह नदी का पानी अपने बहाव में बहा ले जाएगा।