विवादित दरोगा की पोस्टिंग पर सवालों के घेरे में गृह विभाग
देहरादून। उत्तराखंड की सहसपुर विधानसभा क्षेत्र थाने में गत वर्ष नवंबर माह में अवैध हिरासत में हुई एक मौत के लिए आरोपित थानेदार को फिर से हरिद्वार में मलाईदार थाना दे दिया गया है। थानेदार की इस पोस्टिंग से पूरे उत्तराखंड के गृह विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं। गौरतलब है कि, नवंबर माह में सहसपुर के तत्कालीन थानेदार पीडी भट्ट ने एक व्यक्ति को अवैध हिरासत में रखा हुआ था। अवैध हिरासत के दौरान रात को उक्त व्यक्ति की मौत हो गई। इसका कारण व्यक्ति का फांसी लगाना बताया गया था। इस मामले में जिले की एसपी सिटी श्वेता चौबे की जांच पर मुकदमा तो दर्ज हुआ था, लेकिन वह भी अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था तथा न्यायिक जांच भी बिठाई गई थी।
बताते चलें कि, अवैध हिरासत में हुई इस मौत के चलते पीडी भट्ट को लाइन हाजिर कर दिया गया था। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। कुछ समय बाद पीडी भट्ट का ट्रांसफर हरिद्वार पुलिस लाइन में कर दिया गया और दो दिन पहले ही पीडी भट्ट को खनन के लिए बदनाम एक क्षेत्र खानपुर का थानेदार बना दिया गया है। अहम सवाल यह है कि, क्या पुलिस विभाग के पास इस तरह के विवादित पुलिस कर्मचारी ही थानेदार बनाने के लिए बचे हैं! क्या हरिद्वार में योग्य काबिल और साफ छवि के पुलिस कर्मियों का अकाल पड़ गया है! इस पोस्टिंग के चलते उत्तराखंड के पूरे गृह विभाग पर सवालों के निशान खड़े हो गए हैं।