कांग्रेस ने मनाया 140वां स्थापना दिवस। भट्ट के आरोपों पर गोदियाल का तीखा पलटवार
देहरादून। कथित ऑडियो प्रकरण को लेकर उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर तल्खी बढ़ गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट द्वारा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल पर अनुसूचित जाति समाज के अपमान का आरोप लगाए जाने के बाद कांग्रेस ने आक्रामक रुख अपनाया है। गणेश गोदियाल ने भट्ट के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उसकी कड़े शब्दों में निंदा की।
गणेश गोदियाल ने कहा कि जाति का उल्लेख कर मुद्दे को भटकाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वयं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने अपने शीर्ष नेता की जाति सार्वजनिक कर उस समाज का अपमान किया है।
गोदियाल के अनुसार, किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत चूक को पूरे समाज से जोड़ना न केवल अनुचित है, बल्कि राजनीतिक मर्यादाओं के भी विरुद्ध है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने अंकिता भंडारी मामले का उल्लेख करते हुए सरकार की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इतने समय बाद भी सरकार की निष्क्रियता चिंताजनक है और जनता के संवेदनशील सवालों से बचने के लिए अनावश्यक विवाद खड़े किए जा रहे हैं।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सत्ता का अहंकार स्थायी नहीं होता। प्रदेश का युवा, महिलाएं और उत्तराखंड से जुड़ाव रखने वाला प्रत्येक नागरिक समय आने पर इसका जवाब देगा।
140वें स्थापना दिवस पर कांग्रेस ने दोहराया संकल्प
इसी अवसर पर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ने पार्टी मुख्यालय में अपना 140वां स्थापना दिवस मनाया। प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने ध्वजारोहण किया, जबकि कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं ने वंदे मातरम् और राष्ट्रगान का गायन किया। कार्यक्रम के अंत में कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दीं।
गणेश गोदियाल ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस विश्व की सबसे पुरानी लोकतांत्रिक पार्टियों में से एक है, जिसने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर राष्ट्र निर्माण तक निर्णायक भूमिका निभाई है। उन्होंने 28 दिसंबर 1885 को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक प्रेरणास्पद अध्याय बताया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आत्मा हमेशा दबे-कुचले, गरीब और वंचित वर्गों के साथ खड़ी रही है। आज भी पार्टी का संकल्प संविधान की रक्षा, सामाजिक न्याय और समरसता को मजबूत करने का है।
गणेश गोदियाल ने भरोसा जताया कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस समानता, भाईचारे और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित भारत के निर्माण के अपने लक्ष्य को अवश्य प्राप्त करेगी।


