उत्तराखंड में हादसे, हिंसा और सख़्त कार्रवाई। चमोली से देहरादून तक कई बड़ी घटनाओं से हिला प्रदेश
देहरादून। उत्तराखंड में बीते दिनों सड़क हादसों, हिंसक घटनाओं और कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों की श्रृंखला सामने आई है।
कहीं वाहन दुर्घटनाएं हुईं तो कहीं युवकों के साथ बर्बर मारपीट, धार्मिक भड़काऊ गतिविधियां और हत्या के मामलों ने प्रशासन की चुनौती बढ़ा दी है।
वहीं, राज्य सरकार की ओर से ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत असामाजिक और अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है।
चमोली
औली से देहरादून लौट रही स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर अनिमठ-हेलंग के पास हाईवे पर पलट गई। वाहन में सवार सातों युवक मामूली रूप से घायल हुए, जिन्हें सीएचसी जोशीमठ में प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
पुलिस ने ठंड और पाले के कारण वाहन धीमी गति से चलाने की अपील की है। वहीं, ज्योतिर्मठ में बीते दिनों डीजल से भरा टैंकर सड़क पर पलट गया था, जिससे सड़क पर डीजल फैल गया। चालक को हल्की चोटें आई थीं।
रामनगर (नैनीताल)
रामनगर में एक युवक के साथ बर्बर मारपीट और रिवॉल्वर तानने का मामला सामने आया है। पीड़ित का आरोप है कि आरोपियों ने जान से मारने की धमकी दी और शुरुआत में पुलिस ने मामला दबाने की कोशिश की। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घटना को लेकर स्थानीय लोगों में भारी रोष है।
रुद्रपुर (उधम सिंह नगर)
गदरपुर थाना क्षेत्र में सोशल मीडिया पर धार्मिक भड़काऊ पोस्ट कर माहौल बिगाड़ने और युवक से मारपीट करने के मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ पूर्व में भी मुकदमा दर्ज बताया जा रहा है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
देहरादून
राजधानी में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की इलाज के दौरान मौत हो गई। 9 दिसंबर को हुए विवाद के बाद उस पर धारदार हथियार से हमला किया गया था। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक नाबालिग आरोपी फरार है, जिस पर इनाम घोषित किया गया है।
ऑपरेशन कालनेमि
देवभूमि की अस्मिता की रक्षा के उद्देश्य से चलाए जा रहे ऑपरेशन कालनेमि के तहत अब तक 511 लोगों की गिरफ्तारी, 4,802 से अधिक सत्यापन और 19 बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि आस्था की आड़ में अपराध, ठगी और अवैध गतिविधियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रदेशभर में इन घटनाओं ने कानून-व्यवस्था और सड़क सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, वहीं प्रशासन ने सख्ती और सतर्कता बढ़ाने के संकेत दिए हैं।


