IFS रंजन कुमार मिश्रा बने प्रमुख वन संरक्षक। गंगोत्री पार्क पर शीतकालीन ताला, खटीमा में हाथी का बच्चा मिला मृत
देहरादून। उत्तराखंड में वन विभाग से लेकर संरक्षण क्षेत्रों और वन्यजीवों तक तीन महत्वपूर्ण घटनाएँ सामने आई हैं। राज्य सरकार ने उत्तराखंड वन विभाग को नया मुखिया दे दिया है। 1993 बैच के IFS अधिकारी रंजन कुमार मिश्र को प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) के पद पर पदोन्नति के साथ तैनाती दे दी गई है।
समीर सिन्हा के सेवानिवृत्त होने के बाद यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है। हालांकि वरिष्ठता में उनसे ऊपर मौजूद 1992 बैच के बीपी गुप्ता इस पद के दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन केवल एक माह की शेष सेवा अवधि के कारण सरकार ने मिश्र पर भरोसा जताया है। रंजन कुमार मिश्र वर्तमान में पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ के पद पर कार्यरत हैं और 30 जून 2026 तक सेवा में रहेंगे।
विश्वप्रसिद्ध गंगोत्री नेशनल पार्क शीतकाल के लिए बंद
उधर उत्तरकाशी में विश्वप्रसिद्ध गंगोत्री नेशनल पार्क को शीतकाल के लिए बंद कर दिया गया है। नेशनल पार्क प्रशासन ने 30 नवंबर को गेट बंद किए और अब पार्क को 1 अप्रैल 2026 को फिर से खोला जाएगा।
इस वर्ष पार्क में कुल 29,162 पर्यटक और पर्वतारोही पहुंचे, जिससे प्रशासन को 80.96 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। धराली आपदा के चलते इस वर्ष पर्यटकों की संख्या पिछले साल की तुलना में कुछ कम रही।
उप निदेशक हरीश नेगी के अनुसार, पार्क क्षेत्र में गोमुख, तपोवन, केदारताल, गरतांग गली और कालिंदी चौखंबा जैसे लोकप्रिय ट्रेक पर्यटकों को लगातार आकर्षित करते रहे।
हाथी के बच्चे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
इधर खटीमा में तराई पूर्वी वन प्रभाग के किलपुरा रेंज में चार साल के हाथी के बच्चे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने वन विभाग को सतर्क कर दिया है।
वन विभाग की टीम को जंगल में मृत हाथी दिखाई दिया, जिसके बाद डीएफओ, एसडीओ और पशु चिकित्सकों की पैनल टीम ने मौके पर पहुंचकर पोस्टमॉर्टम कराया। फिलहाल मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।
इससे पहले 9 नवंबर को भी चकरपुर बीट में पांच माह के हाथी के बच्चे का शव मिला था, जिसकी मौत वन्यजीव संघर्ष में हुई थी। एक माह में दो मौतों ने वन विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं और विभाग ने दोनों मामलों की जांच आगे बढ़ा दी है।


