गजब: शादियों में दिखावे पर रोक। गढ़वाल के गाँवों में 3 गहने और शराबबंदी, नियम तोड़े तो 50 हजार जुर्माना

शादियों में दिखावे पर रोक। गढ़वाल के गाँवों में 3 गहने और शराबबंदी, नियम तोड़े तो 50 हजार जुर्माना

देहरादून। उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में शादियों में दिखावा और फिजूलखर्ची पर अंकुश लगाने के लिए अनोखी पहल शुरू की गई है। चकराता और उत्तरकाशी जिले के कई गांवों की पंचायतों ने मिलकर नए सामाजिक नियम लागू किए हैं, जिनके तहत विवाह समारोहों में महिलाओं को केवल तीन सोने के गहने—नाक की पिन, मंगलसूत्र और झुमके—पहनने की अनुमति दी गई है।

इससे अधिक आभूषण पहनने पर ₹50,000 तक जुर्माना लगाया जाएगा। महिलाओं के अनुसार, महंगे गहनों की होड़ से कम आय वाले परिवारों पर आर्थिक दबाव बढ़ता जा रहा था।

इसलिए यह निर्णय सभी के हित में लिया गया है, ताकि शादी जैसे पवित्र अवसर को बोझ नहीं, बल्कि सरल और समान अवसर के रूप में मनाया जा सके।

इसी प्रकार उत्तरकाशी के डुंडा ब्लॉक के लोदरा गांव में शादी और मुंडन जैसे समारोहों में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। नियमों के अनुसार, शराब परोसने पर ₹51,000 का जुर्माना और संबंधित परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।

ग्राम प्रधान कविता बुटोला का कहना है कि इस प्रस्ताव को महिला मंगल दल और युवक मंगल दल ने भी समर्थन दिया।

ग्रामीणों का कहना है कि शादियों में दिखावे, शराब और महंगी व्यवस्थाओं की प्रतिस्पर्धा ने पारंपरिक संस्कृति और सामुदायिक सौहार्द को क्षति पहुंचाई है। ऐसे में यह कदम समाज को फिर से सादगी, समानता और सांस्कृतिक मूल्यों की ओर लौटाने का प्रयास है।

कंधड़ गांव के बुजुर्गों और महिलाओं का कहना है कि पहले विवाह समारोहों में रस्में और पारंपरिक संगीत केंद्र में रहते थे। लेकिन धीरे-धीरे डीजे, महंगे स्टेज और इम्पोर्टेड शराब प्रमुखता ले बैठे, जिससे खर्च बढ़ा और सामाजिक दबाव भी बढ़ने लगा।

ग्रामीणों को उम्मीद है कि इन नए नियमों से शादियां फिर से सरल, संयमित और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध होंगी। इन पहलों को स्थानीय लोगों का व्यापक समर्थन मिल रहा है और इसे सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ सकारात्मक कदम माना जा रहा है।