विशेष रिपोर्ट: प्रशासन की लापरवाही से सड़क पर तड़पता रहा युवक, 40 मिनट तक नहीं पहुंची एंबुलेंस

प्रशासन की लापरवाही से सड़क पर तड़पता रहा युवक, 40 मिनट तक नहीं पहुंची एंबुलेंस

हल्द्वानी। शहर के गोलापार बाईपास पर रविवार देर शाम लापरवाही का खामियाजा एक ड्राइवर को अपनी जान पर खेलकर भुगतना पड़ा। यू-टर्न की चेतावनी लाइट खराब होने के कारण एक छोटा हाथी वाहन तेज रफ्तार में आगे चल रही फॉर्च्यूनर कार से जा टकराया। हादसे में छोटा हाथी चालक गंभीर रूप से घायल हो गया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यू-टर्न की लाइट लंबे समय से बंद थी। फॉर्च्यूनर चालक ने अचानक ब्रेक मारे तो पीछे से आ रहा छोटा हाथी उसे देख नहीं सका और भीषण टक्कर हो गई।

40 मिनट तक नहीं पहुंची मदद, सड़क पर तड़पता रहा घायल

स्थानीय लोगों ने घटना के तुरंत बाद 112 और 100 नंबर पर पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी, लेकिन लगभग 40 मिनट तक कोई सहायता नहीं पहुंची। इस दौरान घायल ड्राइवर सड़क पर तड़पता रहा और बार-बार लोगों से कहता रहा- “मुझे अस्पताल ले चलो…”

 

आखिरकार एक स्थानीय प्राइवेट एंबुलेंस संचालक ने मानवता दिखाते हुए घायल को अपनी गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अगर वह समय पर न पहुंचते तो स्थिति और गंभीर हो सकती थी।

NHAI पर लापरवाही के आरोप

स्थानीय लोगों का कहना है कि गोलापार बाईपास पर एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) की लापरवाही के कारण कई जगहों पर सिग्नल और यू-टर्न लाइटें खराब हैं, जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं। लोगों ने बताया कि उन्होंने कई बार इस मुद्दे पर शिकायत भी की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जनता के सवाल – 112 सेवा और सिस्टम दोनों पर सवालिया निशान

घटना के बाद लोग अब सवाल उठा रहे हैं —

  • क्या 112 सेवा केवल नाम की आपात सेवा बनकर रह गई है?
  • क्या प्रशासन घायल की जान जाने के बाद ही हरकत में आएगा?
  • आखिर एनएचएआई की जवाबदेही कौन तय करेगा?

लोगों की मांग

स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन और एनएचएआई से मांग की है कि गोलापार बाईपास के सभी यू-टर्न लाइटें तुरंत दुरुस्त की जाएं और वहां स्थायी पुलिस पेट्रोलिंग की व्यवस्था की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को टाला जा सके।