विशेष रिपोर्ट: धामी के तेवर, दिल्ली दरबार की धड़कनें और पीएम मोदी का दौरा। उत्तराखंड की गरमाई सियासत

धामी के तेवर, दिल्ली दरबार की धड़कनें और पीएम मोदी का दौरा। उत्तराखंड की गरमाई सियासत

देहरादून। उत्तराखंड की सियासत इन दिनों उबाल पर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हालिया बयानों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।

एक ओर मुख्यमंत्री विरोधियों पर “अराजकता फैलाने” का आरोप लगा रहे हैं, तो दूसरी ओर सत्तारूढ़ दल के कुछ नेता ही सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

CM धामी ने हाल में कहा, “राज्य के हित में मैं कठोर निर्णय लेता रहूंगा, मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए नहीं, जनता के लिए बना हूं।”

यह बयान जैसे ही सामने आया, सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज़ हो गया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सीएम धामी का रुख पहले से कहीं ज्यादा सख्त और आत्मविश्वासी दिख रहा है।

बीजेपी के भीतर बढ़ रही बेचैनी, 5 सीटें खाली। मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट

धामी मंत्रिमंडल में वर्तमान में पांच मंत्री पद खाली हैं। इनमें से एक सीट 2023 में कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के निधन और दूसरी सीट प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद खाली हुई।

प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के हालिया बयान “बिहार चुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार संभव है” के बाद बीजेपी विधायकों की दिल्ली दौड़ और लालबत्ती की आस बढ़ गई है।

वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत का कहना है कि, “मंत्रिमंडल विस्तार का बिहार चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। कैबिनेट विस्तार केंद्रीय नेतृत्व की हरी झंडी पर निर्भर है। जब तक वह संकेत नहीं मिलता, केवल अटकलें ही चलेंगी।”

बीजेपी विधायक विनोद चमोली का मानना है कि मंत्रिमंडल विस्तार न होने से सरकार के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ा है। “सरकार का कामकाज ठीक चल रहा है, जो लोग पद के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं, वजह वही जानते होंगे।”

कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा – ‘सरकार लकवाग्रस्त’

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बीजेपी विधायकों में असंतोष गहराता जा रहा है। “राज्य सरकार विधायकों को लॉलीपॉप देकर शांत कर रही है। जनता त्राहिमाम कर रही है और सरकार लकवाग्रस्त हो चुकी है। 2027 में जनता बीजेपी की विदाई करेगी।”

पीएम मोदी के प्रस्तावित उत्तराखंड दौरे से बढ़ी हलचल

राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के उत्तराखंड आगमन की संभावना से राजनीतिक माहौल और गरम हो गया है।

बीजेपी इसे “जनता से जुड़ाव का उत्सव” बता रही है, वहीं कांग्रेस ने तीखे सवाल दागे हैं, “सरकार बताए कि कितने रोजगार दिए गए? पलायन कितना रुका? महंगाई और स्वास्थ्य सेवाओं का क्या हाल है?”

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता हनी पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा उत्तराखंड के विकास और संगठन की मजबूती का प्रतीक है। “देवभूमि में प्रधानमंत्री का आगमन हमारे लिए सौभाग्य की बात है। यह जनता के बीच बीजेपी की मजबूत पकड़ का सबूत है।”

राजनीतिक पृष्ठभूमि में बड़े फेरबदल की चर्चाएं

राजनीतिक विश्लेषक आदेश त्यागी का कहना है कि बीजेपी के भीतर विभागों और फैसलों पर उठ रहे सवाल एक “आंतरिक सियासी असंतुलन” की ओर इशारा करते हैं। “बिहार चुनाव के बाद कुछ बड़ा बदलाव हो सकता है, कैबिनेट विस्तार या रणनीतिक फेरबदल के रूप में।”

हालांकि त्यागी का यह भी मानना है कि राज्य स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री की मौजूदगी के चलते फिलहाल किसी बड़े राजनीतिक बदलाव की संभावना कम है।

उत्तराखंड की राजनीति फिलहाल तीन मोर्चों पर गरम है:-

  1. मुख्यमंत्री धामी के आक्रामक तेवर और आत्मविश्वास भरे बयान।
  2. सत्तारूढ़ दल के भीतर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बेचैनी।
  3. प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्तावित दौरे से पैदा हुआ नया राजनीतिक समीकरण।

आने वाले हफ्तों में यह तय होगा कि धामी सरकार अपनी “कठोर” छवि से स्थिति संभाल पाती है या सियासी समीकरण और उलझ जाते हैं।

सोर्स:- ETV भारत