54 साल बाद 1971 के युद्ध में लापता फौजी की गुमशुदगी दर्ज, ज़मीन विवाद से खुला मामला

54 साल बाद 1971 के युद्ध में लापता फौजी की गुमशुदगी दर्ज, ज़मीन विवाद से खुला मामला

रिपोर्ट: राजकुमार धीमान

देहरादून। सन 1971 के भारत-पाक युद्ध को गुज़रे आधी सदी से अधिक समय हो गया, लेकिन उस युद्ध में लापता हुए देहरादून के एक वीर सैनिक हुकम सिंह का आज तक कोई सुराग नहीं मिल सका।

देहरादून के रानीपोखरी क्षेत्र के ग्राम मादसी (गडूल) निवासी हुकम सिंह उस समय मात्र 18 वर्ष के थे और बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप (बीईजी) रुड़की में भर्ती थे। युद्ध छिड़ते ही वे सीमाओं की रक्षा के लिए मोर्चे पर गए और फिर कभी घर वापस नहीं लौटे।

54 साल बाद भांजे ने दर्ज कराई गुमशुदगी

अब 54 वर्ष बाद, हुकम सिंह के भांजे विक्रम सिंह, निवासी ग्राम मोहनपुर थाना दौराला, जनपद मेरठ (उत्तर प्रदेश) ने रानीपोखरी थाने में अपने मामा की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायत में कहा गया है कि न तो अब तक सेना की ओर से कोई आधिकारिक सूचना परिवार को मिली है और न ही हुकम सिंह के जीवित या शहीद होने का कोई प्रमाण उपलब्ध है।

शादी के दो दिन बाद ही युद्ध का बुलावा

विक्रम सिंह ने बताया कि हुकम सिंह का विवाह युद्ध से केवल दो दिन पहले हुआ था। विवाह के बाद युद्ध का बुलावा आते ही वे ड्यूटी पर रवाना हुए और फिर कभी लौटकर नहीं आए।

दुःखद बात यह रही कि उनकी नवविवाहित पत्नी की भी मात्र दो माह बाद मृत्यु हो गई, जिससे परिवार पर गहरा दुख छा गया और तब से वे अनिश्चितता में जी रहे हैं।

22 बीघा ज़मीन पर फर्जीवाड़ा, खुला नया विवाद

हुकम सिंह के नाम पर ग्राम मादसी में करीब 22 बीघा भूमि दर्ज थी, जो उनके पिता (शिकायतकर्ता के नाना) के नाम पर मूल रूप से थी।

विक्रम सिंह ने आरोप लगाया कि भूमि का नामांतरण न होने का फायदा उठाकर स्थानीय प्रॉपर्टी डीलरों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये जमीन अपने नाम कर ली।

उन्होंने बताया कि मूल हुकम सिंह अंग्रेज़ी में हस्ताक्षर करते थे, जबकि फर्जी रजिस्ट्री में हिंदी में हस्ताक्षर किए गए हैं। इस धोखाधड़ी का खुलासा होने पर उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें कुछ आरोपितों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।

कानूनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए रिपोर्ट दर्ज

अब विक्रम सिंह ने मामा की गुमशुदगी दर्ज कराकर उनकी कानूनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है ताकि भूमि का हक असली वारिसों को मिल सके।

रानीपोखरी थानाध्यक्ष विकेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस अब यह भी जांच करेगी कि 1971 के युद्ध में लापता फौजी हुकम सिंह के संबंध में सेना के पास कौन से आधिकारिक अभिलेख मौजूद हैं।