श्री महंत इन्द्रेश अस्पताल में हृदय उपचार में नई क्रांति
- उत्तराखंड में पहली बार सफल ड्यूल ट्रांसकैथेटर वाल्व रिप्लेसमेंट
देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग ने हृदय रोग उपचार के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यहां उत्तराखंड में पहली बार बिना चीरा लगाए ड्यूल ट्रांसकैथेटर वाल्व रिप्लेसमेंट की जटिल प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की गई।
इस प्रक्रिया का नेतृत्व प्रो. डॉ. साहिल महाजन (हेड, कार्डियोलॉजी यूनिट-1) और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मयंक अग्रवाल ने किया। टीम में डॉ. अभिषेक मित्तल, डॉ. अनामिका अग्रवाल, वरिष्ठ कार्डियक सर्जन डॉ. अशोक जयंथ और एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. पराग शामिल थे।
मरीज सुंदरी देवी, जो पहले से रूमैटिक हार्ट डिजीज (RHD) से पीड़ित थीं और 2020 में सर्जिकल ड्यूल वाल्व रिप्लेसमेंट करा चुकी थीं, गंभीर सांस फूलने की समस्या के कारण भर्ती हुईं। जांच में दोनों कृत्रिम वाल्व में गंभीर री-स्टेनोसिस और डिजेनेरेशन पाया गया। पारंपरिक ओपन हार्ट सर्जरी उनके लिए अत्यधिक जोखिमपूर्ण थी।
ऐसे में डॉक्टरों की टीम ने आधुनिक ट्रांसकैथेटर तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बिना चीरा लगाए यह जटिल प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की। मात्र पांच दिनों में मरीज को स्वस्थ अवस्था में छुट्टी दे दी गई।
महंत देवेंद्र दास जी महाराज, चेयरमैन, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर कार्डियोलॉजी टीम को बधाई दी।
यह उपलब्धि न केवल उत्तराखंड, बल्कि पूरे उत्तरी भारत के लिए मील का पत्थर साबित हुई है। इस तकनीक से उन मरीजों को नई जिंदगी मिल रही है जिन्हें पारंपरिक सर्जरी में अत्यधिक खतरा होता है।