बिग ब्रेकिंग: SIT की जांच में बड़ा खुलासा। खालिद के घर से नहीं मिली किताबें, न पढ़ाई, न तैयारी, सिर्फ साजिश

SIT की जांच में बड़ा खुलासा। खालिद के घर से नहीं मिली किताबें, न पढ़ाई, न तैयारी, सिर्फ साजिश

  • 2023–25 के बीच 9 भर्ती परीक्षाओं में आवेदन, कई में अयोग्य या अनुपस्थित; शक गहराया कि नौकरी नहीं बल्कि साजिश थी मकसद।

रिपोर्ट- अमित भट्ट

देहरादून। नकल विरोधी कानून के तहत दर्ज पेपर लीक प्रकरण की SIT जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच टीम ने अभियुक्त खालिद के घर पर सर्च वारंट के तहत छापेमारी की, लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि वहां से प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी एक भी किताब या अध्ययन सामग्री नहीं मिली। इस खुलासे ने खालिद की नीयत पर और गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पढ़ाई नहीं, तो मकसद क्या था?

SIT की पड़ताल में सामने आया है कि खालिद ने 2023 से 2025 के बीच कुल 9 भर्ती परीक्षाओं के लिए आवेदन किया। इनमें से 5 में वह शामिल ही नहीं हुआ, जबकि बाकी परीक्षाओं में उसके अंक बेहद कम रहे। इतना ही नहीं, कुछ ऐसी परीक्षाओं के फॉर्म भी उसने भरे जिनके लिए वह शैक्षिक रूप से पात्र ही नहीं था।

इन तथ्यों ने जांच एजेंसियों का शक और गहरा कर दिया है कि खालिद का असली उद्देश्य नौकरी पाना नहीं बल्कि भर्ती प्रक्रिया को तोड़-मरोड़कर पेपर लीक करना और उससे पैसा कमाना था।

UKSSSC परीक्षा में बना मास्टरमाइंड

SIT की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि खालिद ने UKSSSC की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में प्रवेश लिया और हरिद्वार के बहादुरपुर परीक्षा केंद्र से पेपर लीक कर इस गंभीर अपराध का मास्टरमाइंड बन बैठा। अब उसके नेटवर्क, संपर्कों और सहयोगियों की तलाश तेज हो गई है।

आयोग का सख्त रुख

पेपर लीक प्रकरण की निगरानी कर रहे जांच आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस यूसी ध्यानी ने बहादुरपुर स्थित परीक्षा केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने परीक्षा केंद्र के प्रधानाचार्य और स्टाफ से गहन पूछताछ की।

उन्होंने पेपर वितरण की प्रक्रिया, CCTV फुटेज, सुरक्षा इंतज़ाम और नियुक्त कर्मचारियों की भूमिका पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की। जस्टिस ध्यानी ने साफ चेतावनी दी है कि जांच में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

युवाओं के भविष्य से खिलवाड़

खालिद की करतूतों ने न केवल भर्ती परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि हजारों बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया है। SIT अब खालिद के बैंक लेन-देन, कॉल डिटेल्स और संभावित सहयोगियों की गहन जांच कर रही है।

साफ है कि यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की नाकामी नहीं, बल्कि संगठित अपराध की ओर इशारा करता है। अब आयोग और SIT की निगरानी में इस पेपर लीक कांड की हर परत खोलने की तैयारी है।