गजब: क्वारंटाइन किए गए प्रवासियों की सुध लेना भूला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग

क्वारंटाइन किए गए प्रवासियों की सुध लेना भूला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग

रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। कोटद्वार में कोटद्वार प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग प्रवासी उत्तराखंडियो को क्वारंटाइन करने के बाद भूलता जा रहा है। जिसके चलते क्वारंटाइन किए परिवार के लोग और आस-पास के लोग काफी चिंतित दिखाई दिए। बताते चलें कि, कोटद्वार में विभिन्न राज्यों से प्रवासी उत्तराखंडी जिनमें प्राइवेट नौकरी करने वाले, व्यापार करने वाले और सरकारी सेवारत कर्मी है, जो उत्तराखंड वापस आए थे, जिनमें कुछ कोटद्वार के परिजनों के सदस्य भी थे।

प्रशासन ने उन्हें थर्मल चेकिंग के बाद कोई लक्षण न पाए जाने के बाद होम क्वारंटाइन कर दिया था, लेकिन गजब की बात यह है कि, होम क्वारंटाइन करने के पश्चात एक हफ्ता बीत जाने के बावजूद भी क्वारंटाइन किए प्रवासियों की सुध लेना प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दोनों भूल गए। उनके परिवार के सदस्यों से जब इस संबंध में बात की गई तो आशा कोठारी का कहना है कि, उनके द्वारा उप जिलाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों और नोडल अधिकारी को भी सूचित किया गया था। लेकिन एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी उनकी कोई सुध नहीं ली जा रही है।

अगर ऐसा सभी जगह हो रहा है तो यह कोटद्वार के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। क्योंकि कुछ लोग रेड जॉन से आए हैं और कई लोगों के संपर्क में रहे थे। क्वारंटाइन किए प्रवासी बाहर भी नहीं निकल सकते तो कैसे इनके स्वास्थ्य के बारे में पता चलेगा। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन से जब इस संबंध में बात करने की कोशिश की जाती है, तो उनका दूरभाष बंद मिलता है। इस संबंध में जब हमारे संवाददाता ने पौड़ी जिले के प्रभारी मंत्री और कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र के विधायक तथा वन मंत्री हरक सिंह रावत से बात की तो उनका कहना था कि, परिवार के सदस्यों को भी इस समय में क्वारंटाइन किए सदस्यों का ख्याल रखना चाहिए। परंतु सरकारी कर्मचारियों को क्वारंटाइन किए जाने के बावजूद उनकी देखभाल न होने को वन मंत्री हरक सिंह ने जरूर संज्ञान में लेते हुए कहा कि, वह इस मामले को खुद देखेंगे और जो कमी पाई जाएगी उसको दुरुस्त करने का प्रयास करेंगे।

बताते चलें कि, क्वारंटाइन सेंटरों की पौड़ी जिले में काफी शिकायतें स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अमले की मिल रही हैं। जिसमें क्वारंटाइन किए लोगों को न तो सुविधाएं मिल रही, ना दवाइयां और ना उनका निरीक्षण ही किया जा रहा है। जिसके चलते पिछले 2 दिन में पौड़ी जिले से क्वाराइनटाइन किए 2 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसने पौड़ी जिले के तहसील रिखणीखाल के रेवा गांव की 70 वर्षीय वृद्धा गायत्री देवी की मौत और थलीसैंण ब्लॉक के वीर बना गांव के संजय पटवाल की मौत ने पौड़ी प्रशासन की नींद उड़ा दी है। अगर यही रवैया रहा तो यह आंकड़ा बहुत तेजी से बढ़कर पौड़ी जिले को ग्रीन जान से रेड जोन में पहुंचाने में देर नहीं लगाएगा।होम क्वाराइनटाइन किया गया घर जिसमें 5 प्रवासी किराएदार और घर के सदस्य हैं।