बड़ी खबर: खालिद की कुंडली खंगालेगी पुलिस, मोबाइल बरामद होने पर खुलेंगे पेपर लीक के कई राज

खालिद की कुंडली खंगालेगी पुलिस, मोबाइल बरामद होने पर खुलेंगे पेपर लीक के कई राज

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में हुए पेपर लीक मामले में पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। मुख्य आरोपी खालिद मंगलवार 23 सितंबर को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। अब पुलिस खालिद की पूरी कुंडली खंगाल रही है ताकि पूरे गिरोह का चेहरा सामने आ सके।

पुलिस के अनुसार खालिद पहले इंडस्ट्रियल रिसर्च काउंसिल (IIP), देहरादून में डेटा एंट्री ऑपरेटर और बाद में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) में जूनियर इंजीनियर के पद पर संविदा कर्मी के रूप में काम कर चुका है। पुलिस का मानना है कि सरकारी सिस्टम में उसके अनुभव ने इस पेपर लीक की योजना को अंजाम देने में मदद की।

तहकीकात में यह खुलासा हुआ कि खालिद ने परीक्षा के दौरान वॉशरूम में जाकर प्रश्नपत्र की तस्वीरें अपने मोबाइल से खींची और सीधे बहन सबिया को भेज दी। प्रारंभिक पूछताछ में खालिद ने यह बात स्वीकार की। सबिया को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया।

मोबाइल बरामदगी बनी सबसे अहम कड़ी

पुलिस का कहना है कि खालिद ने पेपर लीक का पर्दाफाश होने के बाद अपने मोबाइल फोन हरिद्वार और लखनऊ के बीच फेंक दिए थे। यह मोबाइल बरामद करना पुलिस के लिए प्राथमिकता बन गया है, क्योंकि इसमें चैट, कॉल रिकॉर्ड और तस्वीरों के जरिए पूरे नेटवर्क का पता चल सकता है।

नकल विरोधी अधिनियम 2023 के तहत कार्रवाई

उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में नकल विरोधी अधिनियम 2023 लागू किया है। इसके तहत दोषियों को 10 साल तक की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। इसके अलावा:

  • अपराध गैर-जमानती हैं, पुलिस तुरंत गिरफ्तारी कर सकती है।
  • आरोपी की अवैध संपत्ति जब्त की जा सकती है।
  • यदि परीक्षा केंद्र या संस्था की लापरवाही से पेपर लीक हुआ, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी।
  • दोषी को भविष्य में किसी भी सरकारी परीक्षा में शामिल होने से रोक लगाया जा सकता है।

सरकार और जनता का रुख

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि नकल माफियाओं को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस तकनीकी टीम खालिद के डिजिटल ट्रेल को खंगाल रही है और सबिया से भी गहन पूछताछ की जा रही है। प्रदेश के बेरोजगार युवाओं का कहना है कि यह कदम बेहद जरूरी है क्योंकि ऐसे मामले उनकी मेहनत और भविष्य पर असर डालते हैं।

इस पूरी कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि राज्य सरकार और पुलिस मिलकर यूकेएसएसएससी परीक्षा की निष्पक्षता और बेरोजगार युवाओं के भविष्य की सुरक्षा के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रही हैं।