बिग ब्रेकिंग: नैनीताल हाईकोर्ट का सख्त रुख। शिक्षकों की पदोन्नति सूची 22 सितंबर तक देने के आदेश

नैनीताल हाईकोर्ट का सख्त रुख। शिक्षकों की पदोन्नति सूची 22 सितंबर तक देने के आदेश

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट में एलटी शिक्षकों और प्रवक्ताओं की पदोन्नति से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि, वरिष्ठता के आधार पर एक प्रमोशन लिस्ट तैयार कर 22 सितंबर तक याचिकाकर्ताओं को उपलब्ध कराई जाए। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को नियत की है।

सरकार ने लगाई थी शीघ्र सुनवाई की गुहार

शिक्षकों के आंदोलन और आंदोलन की चेतावनी के बीच सरकार ने हाईकोर्ट से इस मामले की शीघ्र सुनवाई करने की मांग की थी। जिसके बाद बुधवार को इस पर सुनवाई हुई।

वर्षों से लंबित है मामला

एलटी शिक्षकों और प्रवक्ताओं की पदोन्नति का मामला पिछले कई वर्षों से अटका हुआ है। वर्ष 2012 से ही यह उच्च न्यायालय में लंबित है। इसी कारण प्रदेश में पदोन्नति और स्थानांतरण नहीं हो पा रहे हैं। शिक्षक लंबे समय से इस मुद्दे पर आंदोलनरत हैं और लगभग पाँच हजार शिक्षकों ने आंदोलन की चेतावनी तक दे डाली है।

आंदोलन की आहट से सरकार पर दबाव

अधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने अदालत के समक्ष बताया कि आंदोलन के चलते कई स्कूल बंदी के कगार पर हैं और छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इस पर अदालत ने सरकार को सख्ती दिखाते हुए सूची तैयार करने का आदेश दिया।

प्रधानाचार्य पद की सीधी भर्ती का विरोध

शिक्षकों की ओर से यह भी मांग रखी गई कि प्रधानाचार्य पद को सीधी भर्ती से न भरा जाए, बल्कि इसे पदोन्नति के माध्यम से भरा जाए। उनका कहना है कि वर्षों की सेवा के बावजूद सरकार उन्हें इसका लाभ नहीं दे रही है। कई शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं और उन्हें पेंशन व ग्रेच्युटी मिल चुकी है, लेकिन पदोन्नति अब तक अटकी हुई है।

शिक्षकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित भुवन चन्द्र कांडपाल केस के आदेश के अनुसार ही उनकी पदोन्नति की जानी चाहिए। इस संबंध में त्रिविक्रम सिंह, लक्ष्मण सिंह खाती सहित कई शिक्षकों ने याचिकाएँ दाखिल की हैं।