मसूरी के दुधली गांव में भू-माफिया का वन भूमि पर कब्जा, पेड़ों की अवैध कटाई से ग्रामीण आक्रोशित
मसूरी। उत्तराखंड की हरी-भरी वादियों में बसे मसूरी के दुधली गांव में भू-माफिया द्वारा वन भूमि पर अवैध कब्जा और पेड़ों की कटाई का मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह सब वनाधिकार कानून 2006 और पर्यावरणीय नियमों की खुली अवहेलना करते हुए किया जा रहा है।
स्थानीय वनाधिकार समिति और ग्राम सभा का कहना है कि उन्होंने राष्ट्रपति तक को पत्र भेजे, लेकिन कार्रवाई शून्य रही।
डीएफओ अमित कुंवर ने पुष्टि की कि मसूरी के एक व्यक्ति ने बिना अनुमति करीब आठ पेड़ काट दिए। जब वनकर्मी मौके पर पहुंचे तो उनके साथ अभद्रता की गई। इस मामले में वन अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है और सरकारी कार्य में बाधा डालने पर आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है।
ग्राम सभा और समिति का आरोप
समिति सदस्य जबर सिंह वर्मा, बनवारी लाल और बीरबल सिंह चौहान का कहना है कि अगस्त 2025 से ही बाहरी लोग भूमि कब्जा और पेड़ कटाई कर रहे हैं। कई बार शिकायतें भेजने के बावजूद अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने मांग की कि मामले की सीबीआई या एसआईटी जांच हो और दुधली क्षेत्र को स्थायी रूप से वन संरक्षण क्षेत्र घोषित किया जाए।
कानूनी प्रावधान
- भारतीय वन अधिनियम 1927: अवैध कटान दंडनीय अपराध।
- वनाधिकार कानून 2006: ग्राम सभा की अनुमति के बिना कोई भी कार्रवाई अवैध।
- आईपीसी की धारा 353/186: सरकारी कार्य में बाधा और कर्मचारियों से अभद्रता पर कठोर सजा।
ग्रामीणों की अपील
ग्राम सभा का कहना है कि, “हम जंगल के रखवाले हैं, अपराधी नहीं। जंगल काटने वालों को रोकना सिर्फ सरकार ही नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।”