किच्छा में खराब पड़ा नगर पालिका का वाटर कूलर। एक महीने से प्यासे लौट रहे लोग
रिपोर्ट- दिलीप अरोरा
किच्छा। सरकारें जहां हर घर जल योजना और प्याऊ लगाने जैसे प्रयासों के जरिए आमजन को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के दावे करती हैं। वहीं किच्छा नगर में हकीकत इसके उलट नजर आ रही है।
नगर पालिका निधि से रजिस्ट्री कार्यालय के पास लगाया गया सोलर वाटर कूलर पिछले एक महीने से खराब पड़ा हुआ है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
यह वाटर कूलर आसपास के गरीब तबके और दुकानदारों के लिए राहत का साधन था। लोग यहां ठंडा पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते थे। लेकिन अब हालात यह हैं कि जो लोग यहां उम्मीद से आते हैं, वे प्रशासन की लापरवाही देखकर मायूस लौटने को मजबूर हैं।
लापरवाही से बर्बाद हो रहा बजट
नगर पालिका प्रशासन के गैर-जिम्मेदार रवैये ने न सिर्फ जरूरतमंद लोगों को पानी से वंचित किया है, बल्कि लाखों रुपये की लागत से बने संसाधन को भी अनुपयोगी बना दिया है। सवाल उठ रहा है कि जब जनता ही इसका लाभ नहीं उठा पा रही तो इस तरह के कामों का औचित्य क्या है?
यह वाटर कूलर वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य वित्त आयोग, 15वें वित्त आयोग और नगर पालिका निधि की धनराशि से स्वीकृत कर लगाया गया था। मात्र तीन साल में ही उपकरण खराब हो जाना और उसकी मरम्मत न होना यह दर्शाता है कि योजनाओं का क्रियान्वयन और देखरेख कितनी लापरवाही से की जा रही है।
जनता की पीड़ा, प्रशासन खामोश
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पालिका की यह अनदेखी आमजन की मूलभूत सुविधा पर कुठाराघात है। गरीब और बेघर लोगों के लिए गर्मी के दिनों में यह वाटर कूलर राहत का जरिया था। अब हालत यह है कि लोग पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं।
यह मुद्दा नगर पालिका प्रशासन के जवाबदेही और संसाधनों के रख-रखाव की गंभीर कमी को उजागर करता है। अगर जल्द ही इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो जनता का विश्वास योजनाओं और प्रशासन दोनों से उठना तय है।