थराली में 300 से अधिक पोल दबे, 16 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त, ऊर्जा निगम को 5 करोड़ का नुकसान
चमोली। 22 अगस्त की रात चमोली जिले के थराली क्षेत्र पर कहर बनकर टूटी आपदा ने पूरे इलाके को तहस-नहस कर दिया। इस आपदा में जहां एक युवती की मौत हो गई, वहीं एक बुजुर्ग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। आपदा प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर राहत शिविरों में रखा गया है।
आपदा का सबसे बड़ा असर पिंडर घाटी के 30 से अधिक गांवों की बिजली व्यवस्था पर पड़ा, जहां विद्युत लाइनें टूट गईं, ट्रांसफार्मर जल गए और सैकड़ों पोल जमीन में दब गए।
ऊर्जा निगम को करोड़ों का नुकसान
थराली में आई इस आपदा से ऊर्जा निगम को चार से पांच करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ है। निगम के अधिकारियों के मुताबिक, अब तक 300 से अधिक बिजली के पोल और 16 ट्रांसफार्मर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। बिजली आपूर्ति को दुरुस्त करने के लिए निगम के 35 कर्मचारी और 50 से अधिक श्रमिक दिन-रात जुटे हुए हैं।
थराली ऊर्जा निगम के एसडीओ अरुण कुमार ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में लगातार मरम्मत कार्य चल रहा है। अब तक 29 गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है, जबकि एक गांव में ट्रांसफार्मर की दिक्कत के चलते कार्य जारी है।
कई गांवों में भारी तबाही
आपदा के चलते चेपड़ो, कोटडीप, राड़ीबगड़, पार्था, हरमनी, खैनोली और रैंसचौपता समेत कई गांवों में भारी नुकसान हुआ है। बिजली लाइनों के साथ-साथ सड़कों के टूट जाने से मरम्मत कार्य में और दिक्कतें आ रही हैं। इसके बावजूद विभाग की टीम लगातार काम में जुटी हुई है।
लोगों की मुश्किलें
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि आपदा ने उनकी रोजमर्रा की जिंदगी अस्त-व्यस्त कर दी है। कई गांवों में अभी भी लोग अंधेरे में रातें गुजारने को मजबूर हैं। राहत शिविरों में लोगों के लिए सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है।