बड़ी खबर: हल्द्वानी–नैनीताल हाईवे बदहाली की कगार पर, रोजाना हजारों लोग परेशान। गड्ढों ने बनाई जानलेवा सड़क

हल्द्वानी–नैनीताल हाईवे बदहाली की कगार पर, रोजाना हजारों लोग परेशान। गड्ढों ने बनाई जानलेवा सड़क

हल्द्वानी। कभी पर्यटकों और स्थानीय लोगों की जीवनरेखा कहलाने वाला हल्द्वानी–नैनीताल हाईवे इस समय बदहाली के दौर से गुजर रहा है।

सबसे बड़ी विडंबना यह है कि इस मार्ग से उत्तराखंड हाई कोर्ट के जजों, तमाम वीवीआईपी हस्तियों, पुलिस–प्रशासन के आला अफसरों के काफिले से लेकर रोजाना हजारों आम जनपदवासी और पर्यटक सफर करते हैं, इसके बावजूद सड़क की दुर्दशा जस की तस बनी हुई है।

गुलाब घाटी से रानीबाग तक गड्ढों का साम्राज्य

काठगोदाम से ऊपर नैनीताल की ओर चढ़ाई शुरू होते ही स्थिति और भी भयावह हो जाती है। गुलाब घाटी वाला रास्ता बड़े–बड़े गड्ढों से भरा पड़ा है, जहां बाइक सवार अक्सर हादसे का शिकार हो जाते हैं।

रानीबाग क्रॉस करने के बाद भीमताल बैंड से पहले तो सड़क मानो पूरी तरह गायब हो जाती है। गड्ढों में भरे पानी ने सफर को जोखिमभरा बना दिया है।

जाम और हादसों से बेहाल लोग

जर्जर सड़क पर जगह–जगह जाम की स्थिति बन रही है। स्कूटी–बाइक सवारों से लेकर भारी वाहनों तक, सभी परेशान हैं। ट्रक और बस ऑपरेटरों का कहना है कि सलड़ी तक सड़क कई जगह टूटी हुई है, जिससे वाहनों की फिटनेस बिगड़ रही है, पत्ते–कमानी तक टूट रहे हैं। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर करोड़ों की लागत से बनने वाली सड़कें मानसून आते–आते ही क्यों उधड़ जाती हैं?

जनता का गुस्सा: “सरकारी खजाना खाली है क्या?”

ब्राइट पोस्ट की टीम ने जब ग्राउंड रिपोर्टिंग की तो राहगीरों में भारी नाराजगी देखने को मिली। लोगों ने कहा कि बरसात से पहले छोटे–छोटे गड्ढों को भरा नहीं गया, अब वे विशाल खाई का रूप ले चुके हैं।

बाइक सवारों का कहना है कि फिसलन भरे गड्ढों की वजह से जान का खतरा हर वक्त बना रहता है। कई लोगों ने व्यंग्य करते हुए कहा कि “क्या सरकार के पास गड्ढे भरने तक का बजट नहीं बचा? जनता की गाढ़ी कमाई आखिर जा कहां रही है?”

सवालों के घेरे में जिम्मेदार विभाग

लोगों का कहना है कि हर साल करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद हल्द्वानी–नैनीताल हाईवे की यही स्थिति रहती है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार जिम्मेदार विभाग और अफसर कब जागेंगे? क्या अधिकारियों और नेताओं के काफिलों को हिचकोले खाने पड़ेंगे, तब जाकर मरम्मत शुरू होगी?