सुप्रीम कोर्ट का सुप्रीम फैसला। अब शेल्टर होम में नहीं रहेंगे आवारा कुत्ते
- नसबंदी-टीकाकरण के बाद इलाके में छोड़े जाएंगे
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आवारा कुत्तों से जुड़ा अहम आदेश जारी किया है। कोर्ट ने अपने पुराने फैसले में संशोधन करते हुए स्पष्ट किया है कि अब आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में नहीं रखा जाएगा।
तीन जजों की बेंच (जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया) ने कहा कि पकड़े गए कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण करने के बाद उन्हें उसी इलाके में वापस छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें पकड़ा गया था।
कोर्ट के आदेश की 10 बड़ी बातें
- आवारा कुत्तों को पकड़ने पर रोक नहीं, लेकिन नसबंदी व टीकाकरण अनिवार्य।
- कुत्तों को उसी इलाके में छोड़ा जाएगा, जहां से पकड़ा गया।
- रेबीज संक्रमित और आक्रामक कुत्ते वापस नहीं छोड़े जाएंगे।
- सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाना प्रतिबंधित।
- नगर निकाय कुत्तों के लिए अलग फीडिंग ज़ोन बनाएंगे।
- आदेश देशभर में लागू होगा, दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं।
- हाईकोर्ट में लंबित कुत्ता मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया जाएगा।
- कुत्तों को पकड़ने से रोकने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी।
- जो व्यक्ति केस में पक्षकार बनना चाहते हैं, उन्हें 25,000 रुपये जमा करने होंगे।
- एनजीओ को पक्षकार बनने के लिए 2 लाख रुपये तक शुल्क देना होगा।
- डॉग लवर्स को राहत, आम जनता को सुरक्षा
पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी आवारा कुत्तों को उठाकर शेल्टर होम में रखा जाए। लेकिन अब नए फैसले ने डॉग लवर्स को राहत दी है। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर फीडिंग पर रोक लगाकर आम जनता की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी गई है।