वीडियो: धराली के बाद यमुनोत्री पर आपदा का साया। कृत्रिम झील में डूबा स्यानचट्टी, होटल-भवन जलमग्न

धराली के बाद यमुनोत्री पर आपदा का साया। कृत्रिम झील में डूबा स्यानचट्टी, होटल-भवन जलमग्न

उत्तरकाशी। उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला लगातार प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में है। धराली में भागीरथी नदी का प्रवाह अवरुद्ध होने से बनी झील के बाद अब यमुनोत्री धाम पर नया खतरा मंडराने लगा है। यहां यमुना नदी का प्रवाह अवरुद्ध हो जाने से बनी कृत्रिम झील में धाम का मुख्य पड़ाव स्यानचट्टी डूब गया है।

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गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) का होटल, पुलिस चौकी, इंटर कॉलेज और कई होटल-भवन आधे से ज्यादा हिस्से तक जलमग्न हो चुके हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने पूरे क्षेत्र के भवन और होटल खाली करा दिए हैं।

सबसे बड़ी चिंता यमुनोत्री राजमार्ग का संपर्क टूटना है। नदी पर बना एकमात्र पुल जलमग्न होने से धाम का संपर्क तहसील व जिला मुख्यालय से पूरी तरह कट गया है। यही स्थिति हाल ही में धराली आपदा के दौरान भी देखने को मिली थी जब गंगोत्री धाम का संपर्क गंगनानी और डबरानी से आगे पूरी तरह टूट गया था।

यह आपदा स्यानचट्टी के पास कुपड़ा गाड़ से आए भारी मलबे की वजह से हुई है, जिसने नदी का बहाव रोक दिया। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, पिछले वर्ष भी इसी स्थान पर झील बनी थी और चैनलाइजेशन कर उसे पंक्चर कर निकासी कराई गई थी। लेकिन इस बार स्थिति और अधिक गंभीर मानी जा रही है।

चारधाम यात्रा पर इस आपदा का सीधा असर पड़ा है। बड़ी संख्या में यात्री रास्ता बंद होने के कारण वापस लौटने को मजबूर हैं। पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और स्थानीय लोगों की आजीविका पर संकट गहराने लगा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं लगातार यह संकेत दे रही हैं कि उत्तरकाशी का भूभाग बेहद संवेदनशील हो गया है। अगर स्थायी समाधान नहीं निकाला गया तो चारधाम यात्रा और धार्मिक-आर्थिक गतिविधियों पर बड़ा असर पड़ सकता है।