नैनीताल जिला पंचायत चुनाव में अराजकता। वरिष्ठ अधिवक्ता का इस्तीफा, आयोग के पाले में परिणाम
नैनीताल। जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव के दौरान हुई अराजकता अब बड़े प्रशासनिक संकट में बदल चुकी है। इस घटनाक्रम से आहत होकर वरिष्ठ अधिवक्ता रवीन्द्र सिंह बिष्ट ने, जो पिछले दो दशकों से जिला पंचायत की ओर से पैरवी कर रहे थे, अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
अधिवक्ता का आरोप: “पुलिस मिलीभगत से हुआ अपहरण”
अपने त्यागपत्र में बिष्ट ने लिखा कि 14 अगस्त 2025 को मतदान केंद्र परिसर के पास से जिला पंचायत के पाँच निर्वाचित सदस्यों का खतरनाक हथियारों से लैस लोगों द्वारा पुलिस की मिलीभगत से अपहरण कर लिया गया। इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही और कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में स्वतंत्र और निष्पक्ष न्याय की उम्मीद करना असंभव है। इसी पीड़ा के चलते उन्होंने तत्काल प्रभाव से पद छोड़ने का निर्णय लिया।
20 वर्षों की सेवा के बाद लिया निर्णय
बिष्ट ने अपने पत्र में लिखा, “मैं जिला पंचायत नैनीताल का आभारी हूँ कि मुझे बीते 20 वर्षों से अधिक समय तक उच्च न्यायालय नैनीताल और उत्तराखंड लोक सेवा अधिकरण में जिला पंचायत का पक्ष रखने का अवसर मिला।
लेकिन 14 अगस्त को लोकतंत्र को कलंकित करने वाली घटना में पुलिस की निष्क्रियता और मिलीभगत ने मुझे इस्तीफे के लिए विवश किया।”
डीएम ने भेजी रिपोर्ट, परिणाम कोषागार में सीलबंद
इस बीच, जिला पंचायत चुनाव को लेकर सियासी उठापटक अब राज्य निर्वाचन आयोग तक पहुँच चुकी है। जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी वंदना सिंह ने चुनाव संबंधी अनंतिम रिपोर्ट आयोग को भेज दी है।
मतगणना देर रात तक हुई और अनंतिम परिणाम तैयार कर लिए गए, लेकिन उन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया। परिणामों को डबल लॉक व्यवस्था में सीलबंद लिफाफे में कोषागार में सुरक्षित रखा गया है। अब अंतिम फैसला राज्य निर्वाचन आयोग करेगा।
मामला हाईकोर्ट में लंबित
गौरतलब है कि अपहरण जैसे गंभीर आरोपों के चलते पूरा मामला नैनीताल हाईकोर्ट तक पहुँचा। अदालत की निगरानी में मतदान प्रक्रिया कराई गई। सुनवाई फिलहाल जारी है और परिणाम पर सस्पेंस बरकरार है।