गैरसैंण सत्र 2025: आपदा, पंचायत चुनाव गड़बड़ी और बजट पर गरमाएगा सदन
देहरादून/गैरसैंण। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में सोमवार से विधानसभा का चार दिवसीय मानसून सत्र शुरू हो गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मंत्रीमंडल और विधायकों की गैरसैंण में आमद के साथ भराड़ीसैंण का सन्नाटा सरकारी वाहनों व अमले की भीड़ में बदल गया।
सत्ता और विपक्ष आमने-सामने
सदन के भीतर आपदा प्रबंधन, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कथित गड़बड़ी, कानून व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर हंगामे के आसार हैं। विपक्ष सरकार को इन ज्वलंत मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है, वहीं सत्ता पक्ष ने विपक्षी हमलों का जवाब देने के लिए रणनीति तैयार कर ली है।
5000 करोड़ का अनुपूरक बजट
सत्र में सरकार अपनी वित्तीय आवश्यकताओं के लिए करीब 5000 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश करेगी। वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद यह बजट सदन में पेश करेंगे।
नौ विधेयक होंगे पेश
इस मानसून सत्र में सरकार नौ महत्वपूर्ण विधेयक लाएगी, जिनमें प्रमुख हैं—
- उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2025
- उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025
- उत्तराखंड साक्षी संरक्षण (निरसन) विधेयक 2025
- उत्तराखंड समान नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2025
- पंचायत राज संशोधन विधेयक
- लोकतंत्र सेनानियों की सुविधाएं बढ़ाने संबंधी विधेयक
- अनुपूरक विधेयक
अध्यक्ष ने किया तैयारियों का निरीक्षण
सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने भराड़ीसैंण पहुंचकर व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि “सदन सुचारु रूप से संचालित हो, इसके लिए सत्ता और विपक्ष दोनों का सहयोग जरूरी है। विधायक जनहित और विकास के मुद्दों को गरिमा के साथ रखें।”
विपक्ष का हमला
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार ने सत्र की अवधि केवल चार दिन तय की है, जो बेहद कम है। उन्होंने आरोप लगाया कि “सरकार प्रदेश के जनहित और विकास के मुद्दों पर गंभीर नहीं है, इसलिए आनन-फानन में सत्र को निपटाना चाहती है।”
सरकार का पलटवार
संसदीय कार्य मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि सरकार हर सवाल का मजबूती से जवाब देगी और विपक्ष को तथ्यों के आधार पर करारा उत्तर मिलेगा।