बड़ी खबर: धराली में आपदा के बीच मनाया गया स्वतंत्रता दिवस, राहतकर्मियों ने बांधी उम्मीदों की डोर

धराली में आपदा के बीच मनाया गया स्वतंत्रता दिवस, राहतकर्मियों ने बांधी उम्मीदों की डोर

उत्तरकाशी/धराली। 79वें स्वतंत्रता दिवस का यह पर्व धराली के लिए भावनाओं से भरा रहा। यहाँ जलप्रलय से बर्बाद हुए घर, टूटी सड़कों और मलबे के बीच भी देशभक्ति की लौ जलती रही।

सोमेश्वर देवता मंदिर प्रांगण में एसडीआरएफ के आईजी अरुण मोहन जोशी ने ध्वजारोहण कर राष्ट्रध्वज को सलामी दी। उन्होंने कहा, “हम यहां सिर्फ राहत बांटने नहीं आए हैं, हम यहां आपका विश्वास और भविष्य लौटाने आए हैं।”

कार्यक्रम के दौरान आपदा में मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। पीड़ित परिवारों की आंखों में आंसू थे, लेकिन होंठों पर देश की एकता-अखंडता बनाए रखने का संकल्प। गांव के बुजुर्ग मोहन सिंह ने कहा, “हमने अपने घर खो दिए हैं, लेकिन हौसला और आजादी का गर्व कोई नहीं छीन सकता।”

बड़ी संख्या में मौजूद प्रभावितों ने राहत और बचाव कार्यों में जुटी एसडीआरएफ, पुलिस, प्रशासन और अन्य एजेंसियों की सराहना की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार के प्रयासों का भी उल्लेख किया गया।

धराली की सड़कों पर अब भी मलबा बिखरा है, कई घरों की दीवारें पानी के बहाव में ढह चुकी हैं, लेकिन इस सादगीपूर्ण स्वतंत्रता दिवस समारोह ने लोगों के दिलों में नई रोशनी भर दी। गांव के युवाओं ने हाथ में तिरंगा लेकर नारे लगाए “धराली फिर से उठेगा”और यह विश्वास जगाया कि कठिनाइयों के बावजूद जिंदगी का नया सवेरा जरूर आएगा।