रुद्रप्रयाग में भारी बारिश का अलर्ट, केदारनाथ यात्रा तीन दिन के लिए स्थगित
उत्तराखंड में भारी बारिश का दौर जारी है और मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए 12 से 15 अगस्त तक केदारनाथ धाम की यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी है।
जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देशानुसार सभी विभाग सतर्कता बरत रहे हैं। नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की अपील की गई है।
साथ ही, राष्ट्रीय राजमार्गों के खतरनाक इलाकों में 24 घंटे जेसीबी व पोकलैंड मशीनें तैनात कर दी गई हैं ताकि मार्ग बाधित होने पर तुरंत खोलने का कार्य किया जा सके। पुलिस, लोक निर्माण विभाग और आपदा प्रबंधन टीमों को लगातार अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान और चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार 12 अगस्त को हरिद्वार, उधम सिंह नगर और नैनीताल में रेड अलर्ट, जबकि देहरादून, टिहरी, पौड़ी गढ़वाल, चंपावत व बागेश्वर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
13 अगस्त को देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, उधम सिंह नगर, नैनीताल और बागेश्वर के लिए रेड अलर्ट जारी है। 14 व 15 अगस्त को ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी रहेंगे। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने किसी भी जोखिम से बचने के लिए तीर्थयात्रा को स्थगित कर दिया है।
बारिश से बेहाल राजधानी देहरादून
11 अगस्त की रात से हो रही लगातार बारिश के कारण देहरादून समेत कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी है। राजधानी के बिंदाल, रिस्पना और तमसा नदियाँ उफान पर आ गई हैं।
बिंदाल और रिस्पना नदियों के पुलों के दोनों ओर पुलिस तैनात है, ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। टपकेश्वर मंदिर के पास भी तमसा नदी का जलस्तर बढ़ने से श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं दिया गया।
पहाड़ी इलाकों में लैंडस्लाइड का खतरा
रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी और चमोली जैसे जिलों में भारी बारिश के कारण लगातार भूस्खलन हो रहा है। कई रास्ते बंद हैं, जिससे लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ है। पुलिस और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि केवल जरूरी काम से ही घरों से बाहर निकलें और नदियों के किनारे रहने वाले तत्काल सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हों।
प्रशासन का संदेश
जनता से आग्रह है कि वे मौसम विभाग के अलर्ट को गंभीरता से लें और प्रशासन की चेतावनियों का पालन करें। सुरक्षित रहने के लिए घरों में रहें और आवश्यक सहायता के लिए स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।
