बिग ब्रेकिंग: देहरादून पुलिस ने धर्मांतरण मामले में आतंकवादी मॉड्यूल का किया भंडाफोड़

देहरादून पुलिस ने धर्मांतरण मामले में आतंकवादी मॉड्यूल का किया भंडाफोड़

देहरादून। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त धर्मांतरण कानून के तहत देहरादून पुलिस ने धर्मांतरण के प्रयास से जुड़े एक आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने इस मामले में आरोपी अयान जावेद का देश के विधि-विरुद्ध क्रियाकलापों (UAPA) से जुड़ा होना उजागर किया है।

धर्मांतरण प्रकरण में देहरादून के थाना रानीपोखरी और थाना प्रेमनगर में उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के तहत दो अलग-अलग मामले दर्ज थे। एसएसपी देहरादून ने मामले की गहन जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित की, जिसने दोनों पीड़िताओं और गवाहों के विस्तृत बयानों के साथ संबंधित इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य संकलित किए।

जांच के दौरान, आगरा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए छह अभियुक्तों की फोटो पीड़िताओं को दिखाई गई, जिनसे उनकी शिनाख्त भी कराई गई।

आतंकी संगठन से जुड़ाव

जांच में पता चला कि आरोपी अयान जावेद, जो धनबाद, झारखंड का निवासी है, HUT (हिज्ब-उत-तहरीर) नामक आतंकी संगठन का सदस्य है। झारखंड एटीएस ने उसे अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था। वह वर्तमान में रांची की सेंट्रल जेल में बंद है और पुलिस उसे जल्द ही वारंट बी के तहत देहरादून लाने की प्रक्रिया में है।

एसआईटी ने बताया कि अयान जावेद और उसकी पत्नी शबनम प्रवीन सोशल मीडिया समेत विभिन्न माध्यमों से युवाओं को गुमराह कर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल करने का प्रयास कर रहे थे।

इसके अलावा, प्रेमनगर में पंजीकृत मामले के एक अन्य अभियुक्त सुलेमान के दुबई में रहने की जानकारी मिली है, जिसके खिलाफ गृह मंत्रालय को लुक आउट नोटिस जारी करने के लिए पत्राचार किया गया है।

आगरा पुलिस की कार्रवाई और अन्य आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी

आगरा पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किए गए छह अन्य अभियुक्तों के खिलाफ मां० न्यायालय से वांरंट बी जारी कराया है। ये अभियुक्त दिल्ली, गोवा, देहरादून, मुजफ्फरनगर और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से जुड़े हुए हैं।

इनके खिलाफ संगठित अपराध, लोगों को उकसाने, और आपराधिक साजिश के तहत धारा 111(3), 111(4), तथा 61(2) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

पीड़िताओं की काउंसलिंग और सुरक्षा

पुलिस ने बताया कि पीड़िताओं की समय पर की गई काउंसलिंग के कारण कई युवतियों को आतंकियों के चंगुल से बचाया गया। पीड़िताओं से पूछताछ के दौरान अन्य संदिग्धों के नाम भी सामने आए हैं, जिनकी जांच जारी है।

एसएसपी देहरादून ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के तहत इस तरह की संगठित और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है और भविष्य में भी कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।

अधिकारियों का कहना है कि सभी आरोपियों को जल्द से जल्द न्याय के कठघरे में लाया जाएगा और प्रदेश में कानून-व्यवस्था को कायम रखने के लिए सतर्कता जारी रखी जाएगी।