त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले बड़ी चूक। गोपनीय ड्यूटी सूची लीक
देहरादून। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच प्रशासनिक तंत्र को बड़ा झटका लगा है। चुनाव में तैनात किए जाने वाले कर्मचारियों की गोपनीय ड्यूटी सूची सोशल मीडिया पर लीक हो गई है, जिससे न केवल गोपनीयता भंग हुई है बल्कि चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और सुरक्षा पर भी सवाल उठने लगे हैं।
क्या है मामला?
उत्तराखंड में आगामी पंचायत चुनावों के लिए जिन कर्मचारियों को प्रेसाइडिंग ऑफिसर, पीठासीन अधिकारी व मतदान कार्मिक के रूप में तैनात किया गया था, उनकी सूची गोपनीय रखी जानी थी। लेकिन चुनाव से पहले ही यह पूरी लिस्ट WhatsApp और Facebook जैसे प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो गई।
इससे क्यों मचा हड़कंप?
- यह सूची संवेदनशील होती है और इसे आखिरी समय तक गोपनीय रखा जाता है ताकि किसी प्रकार का दबाव, रिश्वत या राजनीतिक हस्तक्षेप न हो सके।
- लिस्ट लीक होने से अब कर्मचारियों पर दबाव बनाने, स्थानांतरण या कार्य में बाधा डालने की आशंका बढ़ गई है।
- यह घटना प्रशासनिक व्यवस्था की साइबर सुरक्षा और गोपनीयता को कटघरे में खड़ा करती है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
- जिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
- सूची किस स्तर से लीक हुई, इसकी जांच की जा रही है।
- संभावना है कि संबंधित कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
- चुनाव आयोग को भी पूरे मामले की जानकारी दे दी गई है।
चुनाव विशेषज्ञों की राय
चुनाव मामलों के जानकारों का कहना है कि,
“यदि किसी क्षेत्र में ड्यूटी लिस्ट पहले से सार्वजनिक हो जाती है, तो निष्पक्ष मतदान पर असर पड़ सकता है। यह आचार संहिता और चुनाव आयोग के निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है।”
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की पारदर्शिता को बनाए रखना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। इस तरह की लापरवाही न केवल चुनाव की गरिमा को ठेस पहुंचाती है बल्कि आमजन का विश्वास भी डगमगाता है।
अब देखना यह है कि इस चूक के लिए जिम्मेदार कौन ठहराया जाता है और क्या प्रशासन इस पर समय रहते सख्त कार्रवाई करता है?