बिग ब्रेकिंग: उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर। 7 जिलों में ऑरेंज अलर्ट, 4 जिलों में स्कूल बंद, अलर्ट मोड पर प्रशासन

उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर। 7 जिलों में ऑरेंज अलर्ट, 4 जिलों में स्कूल बंद, अलर्ट मोड पर प्रशासन

देहरादून। उत्तराखंड में मानसून सक्रिय हो गया है और मैदान से लेकर पहाड़ तक झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है। बीते 24 घंटे में कई जिलों में मूसलाधार बारिश रिकॉर्ड की गई है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है।

मौसम विभाग ने सोमवार को प्रदेश के 7 जिलों में ऑरेंज अलर्ट और 6 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश की आशंका को देखते हुए चार जिलों में स्कूलों में एक दिन का अवकाश घोषित किया गया है।

पिछले 24 घंटे में कहां कितनी बारिश हुई?

  • लैंसडाउन: 116 मिमी
  • चौखुटिया: 92.5 मिमी
  • कौसानी व चोरगलिया: 79.5 मिमी
  • डंगोली: 75 मिमी
  • हल्द्वानी: 69.5 मिमी
  • डीडीहाट: 69 मिमी
  • सल्ट: 67 मिमी
  • द्वाराहाट: 56 मिमी
  • बेरीनाग: 55 मिमी
  • थल: 50 मिमी

मौसम विभाग का अलर्ट

ऑरेंज अलर्ट वाले जिले

  • देहरादून
  • टिहरी
  • पौड़ी
  • नैनीताल
  • चंपावत
  • ऊधमसिंह नगर
  • इन जिलों में तेज बारिश, आकाशीय बिजली और 40–50 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना जताई गई है।

येलो अलर्ट वाले जिले

  • हरिद्वार
  • बागेश्वर
  • पिथौरागढ़
  • उत्तरकाशी
  • चमोली
  • रुद्रप्रयाग

इन जिलों के स्कूलों में अवकाश

जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, 21 जुलाई को देहरादून, पौड़ी, नैनीताल (पूरे जिले) और चंपावत (केवल मैदानी क्षेत्र) के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने जारी किए निर्देश

मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं।

  • संवेदनशील मार्गों पर JCB व अन्य उपकरणों की तैनाती
  • भारी बारिश के दौरान हाई हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटक आवागमन पर रोक
  • स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर अतिरिक्त सतर्कता
  • किसी भी आपदा की स्थिति में तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन की तैयारी

आपातकालीन संपर्क नंबर

  • राज्य नियंत्रण कक्ष: 0135-2710335, 0135-2710334
  • टोल फ्री: 1070
  • मोबाइल: 9058441404, 8218867005

सावधानी ही सुरक्षा

प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वह मौसम की गंभीरता को देखते हुए बेवजह बाहर न निकलें, और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। बारिश और भूस्खलन की संभावनाओं को देखते हुए यात्रा स्थगित करें, विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों की।