बड़ा हादसा: डाक कांवड़ियों से भरा ट्रक पलटा। 14 घायल, 4 की हालत गंभीर

डाक कांवड़ियों से भरा ट्रक पलटा। 14 घायल, 4 की हालत गंभीर

टिहरी/धनौल्टी। श्रावण मास की पवित्र कांवड़ यात्रा के अंतिम चरण में उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में एक बड़ा हादसा हो गया। ऋषिकेश-गंगोत्री नेशनल हाईवे-34 पर वैलधार के पास रविवार शाम लगभग 4:30 बजे डाक कांवड़ियों से भरा एक ट्रक पलट गया, जिसमें कुल 38 कांवड़ियों में से 14 घायल हो गए। इनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है।

गंभीर घायल चार कांवड़िए हायर सेंटर रेफर

दुर्घटनाग्रस्त ट्रक (HR38AA-0749) हरियाणा के रेवाड़ी जिले के रामगढ़ गांव के श्रद्धालुओं को लेकर गंगोत्री से हरिद्वार लौट रहा था। सभी कांवड़िए 16 जुलाई को रामगढ़ से रवाना हुए थे और शनिवार 19 जुलाई को डाक कांवड़ लेकर वापसी कर रहे थे।

छाम थाना पुलिस को जैसे ही घटना की सूचना मिली, थानाध्यक्ष सुखपाल मान की अगुवाई में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं को नई टिहरी अस्पताल में रेफर किया गया है।

हादसे का कारण: ट्रक की चेसिस टूटना

थानाध्यक्ष के अनुसार, जैसे ही ट्रक कमांद-सांकरी के पास पहुंचा, उसका पिछला हिस्सा चेसिस से अलग हो गया, जिससे संतुलन बिगड़ते ही ट्रक पलट गया।

घायल श्रद्धालुओं की सूची

गंभीर रूप से घायल:

  • अनूप (40 वर्ष)
  • गोविंद (25 वर्ष)
  • नितिन (18 वर्ष)
  • मनीष (उम्र स्पष्ट नहीं)

अन्य घायल

सूरज, श्रवण कुमार, सुरेश कुमार, नितिन, शीशपाल, धर्मेंद्र, राहुल, अनूप पुत्र रामवतार सहित दो अज्ञात श्रद्धालु शामिल हैं। सभी रामगढ़, जिला रेवाड़ी (हरियाणा) निवासी हैं।

घटनास्थल पर चिकित्सा टीम तैनात

छाम स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी डॉ. अभिलाषा और उनकी टीम मौके पर मौजूद रही। सभी घायलों को मौके पर प्राथमिक उपचार दिया गया। स्थानीय लोग भी राहत कार्य में सहायता करते नजर आए।

कांवड़ यात्रा का अंतिम चरण, भीड़ चरम पर

23 जुलाई को श्रावण शिवरात्रि है, और उससे पहले डाक कांवड़ियों का उत्तराखंड में भारी प्रवेश जारी है। सरकार की ओर से अनुमान है कि इस बार 5 करोड़ से अधिक श्रद्धालु कांवड़ यात्रा में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में हाईवे पर यात्रियों की संख्या चरम पर है।

प्रशासन की चुनौती: श्रद्धालु सुरक्षा बनाम बढ़ती भीड़

इस हादसे ने यात्रा मार्गों पर सुरक्षा इंतज़ामों और परिवहन साधनों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ट्रकों में श्रद्धालुओं का इस प्रकार सफर करना खतरनाक साबित हो रहा है।